संशोधित मरकली तीव्रता पैमाना

संशोधित मरकली तीव्रता पैमाना (अंग्रेज़ी:Modified Mercalli intensity scale, (MM, MMI, अथवा MCS)) एक पैमाना है जो भूकम्प की तीव्रता को मापने के काम में लाया जाता है। इसका नाम इसके विकासकर्ता, जूसेप्प मरकली (Giuseppe Mercalli) के नाम पर रखा गया जो एक इतालवी ज्वालामुखीविद था। मरकली तीव्रता पैमाना भूकम्प को मापने के अन्य परिमापो जैसे रिक्टर पैमाने, के विपरीत भूकम्प का धरती की सतह, मनुष्यों, प्राकृतिक वस्तुओं और मानव-निर्मित ढाँचों पर पड़ने वाले प्रभाव को १ से १२ परिमापकों पर मापता है। १ का अर्थ है भूकम्प महसूस नहीं होना और १२ का अर्थ है महाविनाश। ये प्रभाव भूकम्प की दूरी के साथ-साथ असमान हो सकते है, जिसमें सर्वाधिक तीव्रता भूकम्प केन्द्र के आसपास होती है।

चित्र:Mercalli cap1.jpg
मरकली तीव्रता मापक का ग्राफ़िक दर्शन

मर्साली पैमाना व्यापक स्तर पर प्रयोग किये जा रहे दस डिग्री रॉसी-फॉस्टर पैमाने केजूसेप्प मरकली द्वारा १८८४ एवं १९०६ में किए गए सुधा एवं विकास से जन्मा था। मर्साली तीव्रता पैमाना या मरकली पैमाना नाम को १९०२ के मूल दस डिग्री पैमाने के अलावा अन्यथा प्रयोग कदापि नहीं करना चाहिये। १९०२ में दस अंश मरकली पैमाने को इतालवी भौतिकशास्त्री एडोल्फो कैनसानी द्वारा बारह डिगरी तक विस्तृत किया गया था। बाद में जर्मन भूगर्भभौतिज्ञ अगस्त हेनरिक सीबर्ग द्वारा पुनर्लेखन के बाद इसका नाम मरकली-कैन्सानी-सीबर्ग पैमाना हो गया। इसे १९३१ में हैरी ओ वुड एवं फ्रैंक न्यूमैन द्वारा मर्साली-वुड-न्यूमैन (MWN) पैमाना नाम से प्रकाशित किया गया। बाद में फिर इसे रिक्टर पैमाना के जनक - चार्ल्स रिक्टर द्वारा सुधारा गया। वर्तमान में इस पैमाने को मरकली पैमाना ही कहते हैं जिसे लघुरूप में MM ही लिखा जाता है।

परिमाप स्तर

१ से १२ तक के परिमाप इस प्रकार हैं:[1]

I. यांत्रिक अधिकान्श लोगो द्वारा महसूस नहीं किया जाता। उपकरणों में दर्ज होता है।
II. क्षीण कुछ ही लोगों द्वारा महसूस किया जाता है, विशेषकर भवनों के ऊपरी तलों या छतों पर। भीतरी छतों से लटकी हुई वस्तुएं हिल सकती हैं।
III. अल्प घरों के भीतर बैठे लोगों, विशेषकर छतों पर बैठे लोगों द्वारा महसूस किया जाता है। बहुत से लोग इसे भूकम्प के रूप में पहचान नहीं सकते। खड़ी कारें हलका-सा हिल सकती हैं। कम्पन किसी बड़े ट्रक के गुजरने के समान होता है। अवधि अनुमानित।
IV. साधारण भवनों के भीतर बहुत से लोगो द्वारा महसूस किया जाता है, बाहर दिन के दौरान कम लोगों द्वारा। रात के समय कुछ लोग झटकों से उठ सकते हैं। बर्तन, खिड़कियाँ, दरवाज़े हिल सकते हैं; दीवारों से चटकने की आवाज आ सकती है। हलचल इस प्रकार की हो सकती है जैसे किसी बडे़ ट्रक ने भवन पर टक्कर मारी हो। खडे़ मोटर वाहन ध्यानाकर्ष्क रूप से हिल सकते हैं। बर्तन और खिड़कियाँ चेतावनीपूर्वक रूप से खड़खड़ाते हैं।
V. आप्रबल बाहर बहुत लोगों द्वारा महसूस किया जाता है, प्रतिकूल स्थिति में बाहर कुछ लोगों द्वारा महसूस नहीं किया जाता। बर्तन और खिड़कियाँ तड़क सकते हैं और बड़ी (भारी) घण्टियाँ बज सकती हैं। कम्पन किसी रेलगाड़ी के घर के समीप से गुजरने के समान।
VI. प्रबल सभी लोगों द्वारा महसूस किया जाता है; बहुत लोग डर के मारे मैदानों में भागते हैं। खिड़कियाँ, बर्तन, काँच के सामान टूट सकते हैं; पुस्तकें तख़्तों से गिर जाती हैं; कोई भारी फर्नीचर हिल या पलट सकता है; दीवार से प्लस्तर झड़ सकता है। हलकी क्षति।
VII. अति प्रबल खडे़ होना कठिन; अच्छे डिज़ाइन और निर्माण से निर्मित भवनों में नगण्य क्षति; अच्छे बने साधारण भवनों में नगण्य से हलकी क्षति; खराब डिज़ाइन से बने भवनों में गम्भीर क्षति; कुछ चिमनियाँ टूट सकती हैं। मोटर कार चला रहे लोगों द्वारा भी महसूस किया जाता है।
VIII. विनाशकारी विशेष रूप से निर्मित ढाँचों में हलकी क्षति; साधारण भवनों में गम्भीर क्षति और आंशिक रूप से ढहना। खराब बने ढाँचो में बहुत भारी क्षति। चिमनियाँ, खम्बें, स्मारक, दीवारें इत्यादि ढह जाते हैं। भारी फर्नीचर बुरी तरह हिलने लगता है।
IX. विनष्टकारी भय की स्थिति; विशेष रूप से निर्मित ढाँचों में सोचनीय क्षति, अच्छे से तैयार फ़्रेम ढाँचें साहुल से उखड़ सकते हैं। वस्तुगत भवनों में भारी क्षति और आंशिक रूप से ढहना। भवन नींव से अलग हो जाते हैं।
X. विनाशी कुछ अच्छे बने काठ के ढाँचे बरबाद हो जाते हैं; अधिकान्श चिनाईवाले और फ़्रेम ढाँचे नींव सहित नष्ट हो जाते हैं। पटरियाँ मुड़ जाती हैं।
XI. अतिविनाशी केवल कुछ चिनाईवाले ढाँचे ही खड़े रह जाते हैं। पुल क्षतिग्रस्त। पटरियाँ बुरी तरह मुड़ जाती हैं।
XII. प्रलयकारी पूर्ण विनाश - सब कुछ खण्डित। पूर्ण विध्वंस। दृष्टि और स्तर रेखाएँ विकृत। वस्तुएँ हवा में फेंक दी जाती हैं। धरती पर तरंगें देखी जा सकती हैं। बड़ी मात्रा में चट्टानी हलचल।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भग्रंथ

बाहरी कड़ियाँ

  1. https://www.jagranjosh.com/general-knowledge/intensity-and-magnitude-of-an-earthquake-in-hindi-1513583892-2