संस्कृत की गिनती
18300 | पुल्लिंग/पुल्लिङ्ग | स्त्रीलिंग/स्त्रीलिङ्ग | नपुंसकलिंग/नपुंसकलिङ्ग |
---|---|---|---|
० | शून्यम् | ||
१ | एकः | एका | एकम् |
२ | द्वौ | द्वे | |
३ | त्रयः | तिस्रः | त्रीणि |
४ | चत्वारः | चतस्रः | चत्वारि |
० - शून्यम्
१ - एकः (पुल्लिंग), एका (स्त्रीलिंग) , एकम् (नपुंसकलिंग),
२ -द्वौ, द्वे
३ - त्रयः,तिस्रः,त्रीणि
४ -चत्वारः चतस्रः, चत्वारि
चार (४) के बाद सभी संखाएँ सभी लिंगों में एकसमान रूप में होती हैं।
संख्या | पुल्लिंग/पुल्लिङ्ग | स्त्रीलिंग/स्त्रीलिङ्ग | नपुंसकलिंग/नपुंसकलिङ्ग |
---|---|---|---|
५ | पञ्च | पञ्च | पञ्च |
६ | षट् | षट् | षट् |
७ | सप्त | सप्त | सप्त |
८ | अष्ट | अष्ट | अष्ट |
९ | नव | नव | नव |
१० | दश | दश | दश |
५ - पंच/पञ्च
६ - षट् ,
७ - सप्त ,
८ - अष्ट ,
९ - नव ,
१० - दश ,
(११ से ४० तक २ के लिये द्वा , ३ के लिये त्रय: / त्रयो , ८ के लिये अष्टा का प्रयोग होता है।
और ४० के उपर २ के लिये द्वि , ३ के लिये त्रि, तथा ८ के लिये अष्ट प्रयोग किए जाते हैं । )
११ - एकादश , १२ - द्वादश , १३ - त्रयोदश , १४ - चतुर्दश , १५ - पंचदश
१६ - षोडश , १७ - सप्तदश , १८ - अष्टादश , १९ - नवदश/ऊनविंशतिः/एकोनविंशतिः , २० - विंशति: ,
२१ - एकविंशतिः , २२ - द्वाविंशतिः , २३ - त्रयोविंशति: , २४ - चतुर्विंशतिः , २५ - पंचविंशतिः
२६ - षड्विंशतिः , २७ - सप्तविंशतिः , २८ - अष्टाविंशतिः , २९ - नवविंशतिः/एकोनत्रिंशत्/ऊनत्रिंशत् , ३० - त्रिंशत् ,
४० - चत्वारिंशत् , ५० - पंचाशत्
एकपञ्चाशत् , द्विपञ्चापञ्चाशत् , त्रिपञ्चाशत् , चतुर्पञ्चाशत् , पञ्चपञ्चाशत्
६० - षष्टिः , ७० - सप्ततिः , ८० - अशीतिः ,
एकाशीति: , द्-व्य-शीतिः , त्र्यशीतिः , चतुराशीतिः , पञ्चाशीतिः ,
षडशीतिः , सप्ताशीतिः , अष्टाशीतिः , (८९ - नवाशीतिः वा एकोननवति: वा)
९० - नवतिः
सौ/शत(१००)- शतम्
हज़ार/सहस्र - सहस्रम् १० हज़ार/१० सहस्र- अयुतम्
लाख/लक्ष (सौ/शत सहस्र)- लक्षम्
करोड़ (सौ/शत लाख)- कोटिः
अरब (सौ/शत करोड़)- अर्बुदम्
खरब (सौ/शत अरब)- खर्वम्
नील (सौ/शत खरब) - नीलम्
पद्म (सौ/शत नील)- पद्मम्
आधा - अर्द्धम्
एक पाव - पादम्, अर्द्धार्द्धम्
पूरा - पूर्णम्
अनन्त - अनन्तम्
बाहरी कड़ियाँ
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