संस्थितिविज्ञान या टोपोलॉजी गणित का बड़ा क्षेत्र है। इसे ज्यामिति के विस्तार के रूप में देखा जाता है। इसमें उन गुणों का अध्ययन किया जाता है जो वस्तुओं को सतत रूप से विकृत करने पर उनमें बने रहे हैं। उदाहरण के लिये किसी चीज को बिना फाड़े या साटे हुए तानने पर आने वाली विकृतियाँ। संस्थिति का विकास ज्यामिति तथा समुच्चय सिद्धान्त से हुआ है।

मोबियस स्ट्रिप (Möbius strip) एक ऐसी वस्तु है जिसमें केवल एक तल एवं एक ही कोर (one surface and one edge) है। ऐसे आकारों का अध्ययन 'टोपोलॉजी' के अन्तर्गत किया जाता है।
एक कप से बदललते हुए टोरस का सृजन

'टोपोलॉजी' शब्द से दो चीजों का बोध होता है :

(१) गणित का प्रक्षेत्र (संस्थितिविज्ञान), तथा
(२) इस प्रक्षेत्र के मूलभूत संकल्पनाओं को पारिभाषित करने के लिए प्रयुक्त समुच्चयों के संघ के लिए

संस्थितिविज्ञान एक विस्तृत क्षेत्र वाला विषय है। इसके कई उपक्षेत्र हैं। इसके कुछ प्रमुख क्षेत्र निम्नांकित है गणित की एक शाखा टोपोलॉजी के सिद्धांतों का प्रयोग किसने किया

इन्हें भी देखें

संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ

संपादित करें