सकतपुर गाँव, किरौली (आगरा)
सकतपुर किरौली, आगरा, उत्तर प्रदेश स्थित एक गाँव है।गॉंव सकतपुर जनपद आगरा के मशहूर गॉंव मिढाकुर का सीमावरती गॉंव है ।इस गाँव की सारी अच्छाइयॉं अतीत में लुप्त हैं।प्राचीन काल में गाँव समृद्धि के चरम पर था।धन धान्य से परिपूर्ण गाँव जनपद का गौरव तो था ही अपितु बाहरी व्यक्तियों को भी रहने के लिये आकर्षित करता था।गाँव की रमड़ियता व हरियाली आध्यात्मिक चेतना प्राप्ति के पुंज के रूप में प्रसिद्ध थी ।कहते हैं कि महाऋषि सकतार की तपो स्थली भी यहीं थी ।सारी अछाइयों के बावजूद गाँव वासियों में एक बुराई भी थी कि वे एक दूसरे को सदैव शक व संदेह की नज़र से देखते थे।ऋषिवर इस प्रवृति के कारण बहुत चिंतित रहते थे और कहते थे कि अविश्वास सभी बुराइयों की जननी है ।गॉंव के लोग दो धड़ों में बँट गये थे।कहते हैं एक धड़े को यह संदेह हो गया कि वे दूसरे धड़े के हितैषी हैं और इसी शक के आधार पर उन पर प्राणघातक हमला किया जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गये ।घायल रिषि ने गॉंव वासियों को श्राप दिया कि जाओ तुम तुच्छ बातों पर अविश्वास में यूँ ही लड़ते झगणते रहोगे।गॉंव उस श्राप का दंश आज भी झेल रहा है।गाँव में तुच्छ मामलों यदा खरंजे के विवाद में भी कई कई मर्डर हो चुके हैं तथा कई नवजावन कुंठाग्रस्त हो कर अपनी जीवन लीला को समाप्त कर चुके हैं।गाँव के सभ्रांत लोग आपसी वेमनस्य मिटाने में प्रयासरत हैं।आशा है कि उनकी मेहनत अवश्य ही रंग लायगी।कहतेहैं कि सकतार ऋषि के नाम पर ही इस गाँव का नाम सकतपुर पड़ा ।
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