सकुरामाची
सम्राट सकुरामाची जापान के पारंपरिक उत्तराधिकार क्रम के अनुसार ११५वें सम्राट थे।[1] उन्हें १७३५ में सम्राट के रूप में सिंहासनारूढ़ किया गया, तथा उनका शासनकाल उनके त्यागपत्र के बाद १७४७ तक चला।
तेरुहितो | |
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सकुरामाची | |
शासनावधि | १७३५ - १७४७ |
पूर्ववर्ती | नाकामिकादो |
उत्तरवर्ती | मोमोजोनो |
जन्म | १७२० |
निधन | १७५० |
धर्म | शिन्तो धर्म |
सम्राट की भूमिका धार्मिक थी इसलिए उसे सीमित कर्तव्य निभाने पड़ते थे। यह तब बदल गया जब सकुरामाची को शोगुन से कुछ शाही रीति-रिवाजों को बहाल करने की अनुमति मिली। शस्योत्सव जैसे समारोह जो पहले २५० से अधिक वर्षों से अनुपस्थित थे, अब बहाल कर दिया गये। सकुरामाची की एक पत्नी और एक उपपत्नी थी, जिनसे उसने 4 बच्चों को जन्म दिया। उनका पहला बेटा सम्राट मोमोजोनो बना, जबकि उनकी दूसरी बेटी बाद में साम्राज्ञी गो-सकुरामाची बनी। सकुरामाची की मृत्यु २८ मई १७५० को हुई, जो उनके त्याग के लगभग तीन साल बाद हुआ।