सतमहला मंदिर समूह,कलछा-भदवाही,सरगुजा

संरक्षित स्मारक निति तथा नियंत्रित प्रदेश प्राचीन स्मारक, पुरातत्त्व स्थल तथा अवशेष अधिनियम 1958 के अनुसार इस स्मारक को राज्य संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है। साथ ही इस अधिनियम 2010 के अनुसार यदि कोई भी इस स्मारकको क्षति पहुंचता नष्ट करता, बिलग अपरिवर्तित करता कुरूप करता खतरे में डाला या दुरुपयोग करता और ऐसे संरक्षित स्मारक के किसी भी कृतिशिला अथवा प्रतिमा अथवा उभरा हुआ शिलापत्र अथवा शिलाशासन अथवा ऐसी कोई भी वस्तु को अलग करके ले जाता है तो ऐसे लोगों को इस अपकृत्य के लिये 02 वर्ष कारागारु. 1.00 लाख ( रु. एक लाख तक जुर्माना दोनों प्रकार से किया जा सकता है। इस कानून है नियम 20 ए के अनुसार संरक्षित स्मारक से सभी दिशाओं से एक सौ मीटर का क्षेत्र निषेधित प्रदेश

घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में किसी प्रकार के ईमारत में निर्माण के लिये अनुमति नहीं। इस कानून के नियम 20 वी के अनुसार यह घोषित किया गया है कि निषेधित प्रदेश से सभी से 200 मीटर तक के क्षेत्र (संरक्षित स्मारक अथवा संरक्षित प्रदेश से सभी दिशाओं से तीन सौ मंदिर) नियंत्रित प्रदेश है। इस प्रदेश में किसी प्रकार के इमारतों का निर्माण अथवा पूर्वनिर्माण अथवा मरम्मत अथवा नवीनीकरण कार्य राज्य स्मारक प्राधिकार में पूर्वानुमति के बिना नहीं करना चाहिये। उपरोक्त नियमों का उल्लंगन करने वालों को इस कानून के अनुसार 02 वर्ष तक रित कारावास या 1.00 लाख रु एक लाख तक जुर्माना अथवा दोनों प्रकार से दण्डित किया जा सकता है।

चेतावनी

संरक्षित स्मारक, निषिद्ध और विनियमित क्षेत्र

इस स्मारक को प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 (195E का 24 और एएनसी ईएनटी स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अवशेष और सत्यापन) अधिनियम 2010 के तहत राष्ट्रीय महत्व के रूप में घोषित किया गया है। या जो कोई भी किसी संरक्षित स्मारक से किसी मूर्ति पर नक्काशी वाली छवि के आधार पर शिलालेख, या इस स्मारक से अन्य समान वस्तुओं को हटाता है, वह आपराधिक अभियोजन के लिए उत्तरदायी होगा और कारावास के साथ दंडनीय होगा जो दो साल तक बढ़ सकता है या रुपये 1,00,000 के जुर्माने के साथ हो सकता है ( इस से सभी दिशाओं में 100 मीटर की दूरी तक एक निषिद्ध क्षेत्र के तहत लाख या दोनों के साथ

संरक्षित स्मारक या संरक्षित क्षेत्र और इस क्षेत्र में किसी भी निर्माण की अनुमति नहीं है। आगे यू/एस 208 के तहत सभी दिशाओं में 200 मीटर का क्षेत्र प्रतिबंधित क्षेत्र की सीमा से सभी 300 मीटर में संरक्षित स्मारक या संरक्षित क्षेत्र की सीमा से विनियमित क्षेत्र है और कोई भी निर्माण या पुनर्निर्माण या ऐसी इमारत या संरचना की मरम्मत या नवीनीकरण यह क्षेत्र राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण की पूर्व अनुमति के साथ होगा नई दिल्ली अधिनियम के उपरोक्त प्रावधानों का उल्लंघन अधिनियम के तहत ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को आकर्षित करेगा और कारावास के साथ दंडनीय होगा जो दो साल तक बढ़ सकता है या जुर्माना हो सकता है रु. 80,000/- तक बढ़ाएँ (रुपये एक लाख या दोनों के साथ

निदेशालय संस्कृति और पुरातत्व


                     निर्देशक सूरज सिंह
                     ग्राम पंचायत 
                     devtikra