डॉ॰ सत्यपाल भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के नेताओं में से एक थे। अप्रैल 1919 में उन्हें और सैफ़ुद्दीन किचलू को रॉलेट एक्ट के विरोध में भाषण देने के कारण ब्रिटिश सरकार द्वारा गिरफ़्तार करके जेल भेज दिया गया था[1][2][3] जिसके विरोध में जलियाँवाला बाग़ में आयोजित जनसभा में डायर द्वारा निहत्थे लोगों पर गोलियाँ चलवाई गयीं, जिसे जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड के नाम से जाना है।[3][4]


सन्दर्भ संपादित करें

  1. Suresh Salil. JALIYANWALA BAG. Neelkanth Prakashan. पपृ॰ 39–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-81937-00-6.[मृत कड़ियाँ]
  2. Kenneth Pletcher (2010). The History of India. The Rosen Publishing Group. पपृ॰ 283–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-61530-122-5.
  3. Abel M (4 January 2005). Glimpses Of Indian National Movement. ICFAI Books. पपृ॰ 143–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7881-420-9.
  4. Dr Malti Malik. History of India-Hindi. Saraswati House Pvt Ltd. पपृ॰ 382–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-5041-245-9.

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