सूर्यनमस्कार

सूर्य की पूजा एवं वंदना भी नित्य कर्म में आती है शास्त्र में इसका बहुत महत्व बताया गया है दूध देने वाली 100000 गायों के दान का जो फल होता है उससे भी बढ़कर फल 1 दिन की सूर्य पूजा से होता है पूजा की तरह सूर्य के नमस्कार का भी महत्व है सूर्य के 12 नामों के द्वारा होने वाले 12 नमस्कार की विधि दी गई है प्रणामों में साष्टांग प्रणाम का अधिक महत्व माना गया है| यह अधिक उपयोगी है!इससे शारिरिक व्यायाम भी होता है!भगवान सूर्य के नाम का उच्चारण कर दण्डवत करें! फिर उठकर दूसरा नाम बोलकर दूसरा दण्डवत करें!इस तरह बारह साष्टांग प्रणाम हो जाते है!शीघ्रता न करें, भक्ति भाव से करें| एतदर्थ प्रथम सूर्यमंडल में सौंदर्य राशि भगवान नारायण का ध्यान करना चाहिए!भक्ति भाव से दोनों हाथों की अंजली बनाकर भगवान के सुकोमल चरणों का स्पर्श करते हुए ललाट भी उसी सुखस्पर्श में केंद्रित हो और आँखे उनके सौंदर्य पान में मत हो! अब उपयुर्क्त विधि से ध्यान करते हुए निम्नलिखित नाम-मंत्रो से भगवान सूर्य जी को साष्टांग प्रणाम करें 1. ॐ मित्राय नमः 2. ॐ रवये नमः 3. ॐ सूर्याय नमः 4. ॐ भानवे नमः 5. ॐ खगाय नमः 6. ॐ पूष्णे नमः 7. ॐ हिरण्यगर्भाय नमः 8. ॐ मरीचये नमः 9. ॐ आदित्याय नमः 10.ॐ सवित्रे नमः 11.ॐ अर्काय नमः 12.ॐ भास्कराय नमः इसके बाद अंजली में या ताम्रपत्र में लाल चंदन, अक्षत,और फूल डालकर हाथों को हृदय के पास लाकर निम्लिखित मंत्र से सूर्य जी अर्ध्य दे "ॐ आदित्याय स:विध्मयी सहस्त्र किराणाच्ये धीमहि तन्नो सूर्याय प्रचोदयात" आपका शुभचिंतक पवन कुमार