[1]*मेरी कलम से......🖋*

*प्रशान्त सिंह सोमवंशी......🖋*

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---------------------------------- किसी के काम जो आये,उसे इंसान कहते हैं।*

*पराया दर्द जो अपनाये, उसे इंसान कहते हैं।*

*कभी धनवान है कितना,कभी इंसान निर्धन हैं।*

*कभी सुख है कभी दुख है,इसी का नाम जीवन है।*

*जो मुश्किल से न घबराये, उसे इंसान कहते हैं।*

*ये दुनिया एक उलझन है, कहीं धोखा कहीं ठोकर है।*

*कोई हंस हंस कर सहता है, कोई रो रो कर सहता है।*

*जो गिरकर भी संभल जाएं, उसे इंसान कहते हैं*

*प्रशान्त सिंह सोमवंशी*

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