संत श्री मुरलीधर जी महाराज का जन्म 13 अगस्त 1970 में गुजरात के मेहसाना जिला के कल्लोल गांव में रामावत वैष्णव परिवार में हुआ। इनके माताजी का नाम सोनी देवी है तथा पिताजी का नाम लालदास जी था। बचपन में इन्हें वीतरागी परम वैष्णव संत श्री जमनादास जी महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। इन्होने अपनी प्राथमिक शिक्षा जन्म स्थान कल्लोल से ग्रहण की तथा स्नातक तक की शिक्षा जोधपूर में ग्रहण की जहाँ हाल ही में मूल-निवास है। महाराज श्री रामकथा,भागवत कथा ,नानीबाई रो मायरो का गायन करते है। महाराज प्रभु की भक्ति करते हैं और कथा के माध्यम से लोगो को प्रेरित करते हैं। गायन और धार्मिक प्रवचन देने के अलावा, वे बहुत सारी सामाजिक सेवाएँ करते थे जैसे कि गरीबों को बुनियादी ज़रूरतें देना, और गरीब बच्चों को शिक्षित करना आदि। वर्तमान में वे जोधपुर में रह रहे हैं और अपनी आध्यात्मिक सेवा अच्छे तरीके से कर रहे हैं। वह एक निस्वार्थ व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपना जीवन लोगों के मन में भक्ति जगाने और उन्हें अपने जीवन में परिपूर्ण और पवित्र बनाने के लिए समर्पित कर दिया है। संत श्री मुरलीधर जी महाराज हनुमान जी महाराज के प्रचुर भक्त हैं महाराज जी के लाखों प्रशंसक हैं। हिंदू वक्ता राम कथा प्रेमी