सदस्य:सच्चिदानंद सिंह/प्रयोगपृष्ठ

दुअरा नाथ हनुमान जी मंदिर

यह मंदिर रीवा शहर से उत्तर दिशा से लगभग 65 किमी की दूरी पर एक पहाड़ी की तलहटी में स्थित है। मंदिर तक जानें के लिए रीवा-डभौरा मार्ग से सड़क का निर्माण किया गया है। मंदिर के आस-पास का वातावरण बहुत ही मनोरम है। मंदिर परिसर में दो गहरे कुएँ, तीन धर्मशाला साधु-संतों के रहनें के लिए एक छोटा मकान व एक बड़ा कीर्तन हाल है। यहाँ पर चौबीस घंटे सीता-राम का जप चलता रहता है, इस जप के लिए व्यवस्थाओं के लिए धन की आपूर्ति दान में दिए गए धन और अनाज से होती है। इस जप की व्यवस्थाओं की देख रेख मन्दिर परिसर के संत श्री प्रेमलाल जी को जाता है।

मेला

मंदिर परिसर में लोगों का आना-जाना लगा ही रहता है। शनिवार व मंगलवार के दिन श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा होती है। वर्ष के सावन महीनें में परिसर का दृश्य अत्यंत रोचक बन पड़ता है, आस पास हरियाली का वातावरण होता है। पहाड़ भी हरा भरा हो जाता है मौसम ठंडा रहता है और उसी के साथ रिमझिम बारिश , बहुत ही मनभावन लगती है। सावन महीनें मेँ पूरे महीनें शनिवार और मंगल वार को मेले का आयोजन होता है। श्रद्धालुओं की संख्या जहां दूसरे महीनों में सौ से डेढ़ सौ तक हुआ करती है पूरे दिन में वही अब हजार के पार हो जाया करती है।

इस महीनें में श्रद्धालु जन अपनें परिवार और रिश्तेदारों के साथ परिसर में आते हैं और पूजा के साथ भंडारा करते हैं। इसके अलावा आसपास के गांवों के लोग मिलकर बड़े भंडारे का आयोजन करते हैं।