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इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग
संपादित करेंइन्फ्लुएंसर मार्केटिंग (जिसे प्रभावशाली विपणन भी कहा जाता है) सोशल मीडिया मार्केटिंग का एक रूप है, जिसमें उत्पादों की अनुशंसा और प्रमोशन उन इन्फ्लुएंसर्स और संस्थाओं द्वारा किया जाता है, जिन्होंने कीसी विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञ ज्ञान या सामाजिक प्रभाव प्रदर्शित किया है। इन्फ्लुएंसर्स वे लोग या संगठन होते हैं जिनके पास किसी ख़ास क्षेत्र में ज्ञान या सामाजिक प्रभाव होता है, और जो अपने ओरिजिनल - अक्सर प्रायोजित - कंटेंट को सोशल मीडिया प्लेटफार्म, जैसे इंस्टाग्राम, यूट्यूब, स्नैपचैट, टिकटोक या अन्य ऑनलाइन चैनलों पर अपलोड करके दूसरों की खरीदारी आदतों मापने योग्य क्रियाओं को प्रभावित कर सकते हैं। इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग तब होती है जब कोई ब्रांड ऐसे इन्फ्लुएंसर्स को, जिनके सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर विश्वसनीयता और एक बड़ा दर्शक वर्ग हो, इन्हें नामांकित करता है, ताकि उस ब्रांड का ज़िक्र या उसकी चर्चा इन्फ्लुएंसर द्वारा अपनी पोस्ट में की जाए, और उस ब्रांड को एक व्यापक ग्राहक आधार मिल सके। इन्फ्लुएंसर्स के कंटेंट को अक्सर प्रशंसापत्र विज्ञापन (testimonial advertising) के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है।
इन्फ्लुएंसर
संपादित करेंइन्फ्लुएंसर की कोई सर्वसम्मनित परिभाषा नहीं है। एक लेखन उन्हें "ऐसे तृतीय पक्षों की एक श्रृंखला के रूप में परिभाषित करते हैं, जो व्यवसायों और उनके संभावित ग्राहकों पर प्रभाव डालते हैं।" एक अन्य लेखक के अनुसार, इन्फ्लुएंसर वह "तृतीया पक्ष होते हैं, जो ग्राहक के खरीद निर्णय को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं, लेकिन इसके लिए कभी जवाबदेह नहीं हो सकते।" एक और परिभाषा के अनुसार, इन्फ्लुएंसर "अच्छी तरह से जुड़े हुए, प्रभावशाली, सक्रिय और ट्रेंडसेटर होते हैं।" और यह ज़रूरी नहीं है कि किसी व्यक्ति के पास अधिक फॉलोअर्स होने का मतलब यह हो कि वे उन व्यक्तियों पर ज़्यादा प्रभाव डालते हैं , बल्कि इसका मतलब केवल यह हो सकता है कि उनके पास अधिक फॉलोअर्स हैं। इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग खर्च में 1% की वृद्धि से ऑडियंस इंगेजमेंट में 0.5% की वृद्धि हो सकती है।
सोशल मीडिया
संपादित करेंऑनलाइन गतिविधि, ऑफलाइन निर्णय लेने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, जिससे उपभोक्ताओं को उत्पादों पर शोध करने को सुविधा मिलती है। सोशल मीडिया ने विपणक (marketers) को पारंपरिक बड़े मीडिया चैनलों से परे अपने मार्केटिंग के तरीकों का विस्तार करने के लिये नए अवसर प्रदान किये हैं। कई विपणक अपने विपणन संदेशों की पहुँच बढ़ने के लिए इन्फ्लुएंसर्स का उपयोग करते हैं। जो ऑनलाइन इन्फ्लुएंसर्स अपनी व्यक्तिगत ब्रांडिंग करते हैं, वे अपने फॉलोअर्स के साथ संबंधों के कारण विपणन संपत्ति (marketing assets) बन गए हैं। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स खुद को अपने अनुयायियों के बीच रे नेता (option leaders) के रूप में स्थापित करते हैं और उनके पास आकर्षण, लोकप्रियता, विशेषज्ञ ज्ञान और अच्छी पसंद जैसी प्रेरक विशेषताएँ हो सकती हैं। सोशल मीडिया की इंटरैक्टिव और व्यक्तिगत प्रकृति के कारण इन्फ्लुएंसर्स और उनके फॉलोअर्स के बीच एकतरफा (parasocial) संबंध बन जाते हैं, जो खरीदारी व्यवहार को प्रभावित करते हैं। सोशल मीडिया पर इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग उन उपभोक्ताओं तक भी पहुंचती है जो एड-ब्लॉकर्स का उपयोग करते हैं।
इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के लाभ
संपादित करेंइन्फ्लुएंसर मार्केटिंग अत्यधिक प्रभावी है और व्यवसाओं के लिए कई महत्त्वपूर्ण लाभ प्रदान करता है। एक प्रमुख लाभ विश्वसनीयता और भरोसा स्थापित करना है; कई व्यवसाय अपने उत्पादों को बेचने में इसलिए असफल होते हैं क्योंकि उनकी विश्वसनीयता का अभाव होता है। ऐसे प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ साझेदारी करके, व्यवसाय अपनी विश्वसनीयता को तेज़ी से बढ़ा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग लागत प्रभावी भी होती है; जब ब्रांड सही इन्फ्लुएंसर्स के साथ जुड़के काम करते हैं तोह उन्हें अपने निवेश पर महत्त्वपूर्ण लाभ देखने को मिल सकता है। इस तरह की मार्केटिंग गुणवत्तापूर्वक लीडस् को आकर्षित करने में भी मदद करती है, क्योंकि इन्फ्लुएंसर कंटेंट उन दर्शकों तक भी पहुँच सकते हैं जो वास्तव में उत्त्पादों और सेवाओं में रुचि रखते हैं, कन्वेर्जन रेट बढ़ना आसान होता है। इसके अलावा, इन्फ्लुएंसर्स के साथ जुड़ने से ब्रांड और ज़्यादा लोगों द्वारा जाना जाता है, क्योंकि इसके उत्पादों और सेवाओं को सैकड़ों हज़ारों, यहाँ तक की लाखों संभावित ग्राहकों के सामने लाया जाता है। कुल मिलकर, एंग्लोइन्केर मार्केटिंग किसी ब्रांड की दृश्यता और प्रतिष्ठा को बाजार में महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकती है।
इन्फ्लुएंसर मार्किटिंग के अलाभ
संपादित करेंजबकि इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के कई लाभ हैं, इसके साथ इसकी कुछ सीमाओं पर भी ध्यान देना आवश्यक है। उदाहरण के लिए, यदि आप ऐसे इन्फ्लुएंसर के साथ काम करते हैं जो आपके ब्रांड के लिए उपयुक्त नहीं है, ईमानदार नहीं है, या किसी विवाद में फस जाता है, तो इससे आपके मार्केटिंग प्रयासों को नुक्सान हो सकता है। इससे आपके ब्रांड की छवि को भी चोट पहुँच सकती है, क्योंकि जिन इन्फ्लुएंसर्स के साथ आप काम करते हैं, वे आपके व्यवसाय का प्रतिबिम्ब होते हैं। इसके अलावा, गलत इंडस्ट्री से इन्फ्लुएंसर के साथ जुड़ने से आपके उत्पादों और सेवाओं को बेचना कठिन हो सकता है। इसलिए आपको हमेशा अपने इन्फ्लुएंसर का सावधानीपूर्वक चयन करना चाहिए। उनके बैकग्राउंड पर नज़र डालना और सुनिश्चित करना कि उनकी जीवनशैली आपकी कंपनी के साथ अनुकूल है, बेहद आवश्यक होता है। B2B और B2C क्षेत्रों में काम करने वाली कंपनियां इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग से लाभ उठा सकती हैं। हालांकि, ध्यान दें कि इस प्रकार की मार्केटिंग आमतौर पर B2B कंपनियों द्वारा काम अपनाई जाती है। इसलिए, यदि कोई B2B कंपनी हो, तो उन्हें ध्यानपूर्वक सोचना होगा कि वे ऐसे इन्फ्लुएंसरस के साथ कैसे जुड़ें जो ब्रांड की प्रसिद्धि को पर्याप्त रूप से बढ़ा सके और सही मार्केट को लक्षित कर सके।