सदस्य:ARSH ARYAN/प्रयोगपृष्ठ
हर दौड़ में बदलाव के लिए बदलाव जरूरी है.🤔 जुल्म इतना बुरा नहीं जितनी बुरी खामोशी है, बोलना सीखो वार्ना पीढ़ियां गूंगी हो जायँगी..😷
गरखा, सारण:- गरखा में पिछले दिनों एक कार्यक्रम में बिहार सरकार में माननीय शिक्षा मंत्री प्रोफेसर श्री चंद्रशेखर यादव जी से मुलाकात हुई. इस गैर राजनीतिक कार्यक्रम में मंच पर दो और माननीय मंत्री, कई गणमान्य अतिथियों के साथ मंच पर मैं भी मौजूद था. इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर बाबू द्वारा दिए गए भाषण के शब्दों, बेहद उच्च स्तरीय वक्तव्यों ने जीवन के कुछ नए विचारों, अनुभवों से अवगत हुआ. आज के इस नफरत के दौर में भी प्यार, मोहब्बत, एकता एवं भाईचारे के लिए अपने हर तार्किक शब्दों के द्वारा जो सामाजिक, राजनीतिक चेतना पैदा करने की शक्ति चंद्रशेखर बाबू के तार्किकतापूर्ण भाषणों में देखा, वह आज के राजनेताओं में बेहद कम देखने को मिलते हैं. सामाजिक विकृतियों को दूर करने के लिए जिस तरह से उन्होंने राजनीतिक नफा, नुकसान की चिंता किए बिना तार्किकता से ओतप्रोत अपनी बातें मंच से रखा मैं तो उसी समय से उनका फैन हो गया. वह बेहद सरल भाषा में जनता के बीच मंच से जिन बातों का जिक्र कर रहे थे वह अतिसंवेदनशील व भविष्य में सामाजिक, राजनीतिक चेतना पैदा करने में मिल का पत्थर साबित हो सकती है. हमारे धार्मिक ग्रंथो में जो विकृतियां, त्रुटियां हैं जिसका सीधा प्रभाव हमारे सामाज, देश पर पड़ता है. इन बातों पर चर्चा बेहद जरूरी है. आज जो हमारे सामाजिक-राजनीतिक चिंतक, सामाज सुधारक, शिक्षाविद, प्रोफेसर, शोधकर्ता, लेखक, कवि, पत्रकार हैं उन सभी को राजनीति से उपर उठकर सामाज हित एवं देशहित में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर बाबू की तार्किकता पूर्ण बातों को सुनना, पढ़ना एवं समझना चाहिए. इन पर लेख, कविताएं, शोध, चर्चा हीं देश को एक सही दिशा प्रदान कर सकती हैं. मेरा मानना है कोई भी विचार स्थाई नहीं होता है. कोई भी विचार व्यक्ति, समय/काल एवं परिस्थिति के अनुसार बदलते रहता है. और यह बदलाव होने भी चाहिए. आज हमारे देश में जो नफरत, घृणा, द्वेष फैलाकर विभिन्न जाति, धार्म के लोगों को बांटने का जो खेल चल रहा है इस दौड़ से बाहर निकलने के लिए शिक्षा, वैचारिक मजबूती एवं तार्किकता पूर्ण बातों के साथ आपसी चर्चा बेहद महत्वपूर्ण है. इस दौड़ में आज राजनीतिक, सामाजिक, जातिगत एवं धार्मिक भेदभाव से ऊपर उठकर सामाजिक कुरीतियों, ढोंग, अंधविश्वास, पाखंड को दुर करने की दिशा में जो कदम प्रोफेसर चंद्रशेखर बाबू ने उठाया है उस कदम के साथ हमें भी कदम से कदम मिलाकर चलना होगा, ताकि सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, जातिगत, धार्मिक विभेद, कुरीतियों, ढोंग, अंधविश्वास, पाखंड को खत्म किया जा सके. आज हीं नहीं हर दौर में शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर यादव जी के विचार प्रासंगिक हैं और प्रासंगिक रहेंगे.🤔 चंद्रशेखर बाबू आप आगे बढ़ो, हम सब आपके साथ हैं. 🙏✊ आपके क्रांतिकारी जज्बे को सलाम करते हैं. ✊ जब युवा शिक्षित और क्रांतिकारी होगा, तो कभी भी सत्ता दमनकारी नहीं होगा. ✊