सदस्य:Abhahoro/क्रिसमस
क्रिसमस का इतिहास
संपादित करेंक्रिसमस ईसाइयों का त्योहार हैं,पर आज सभी जाति और धर्म के लोग जिस तरह के अन्य त्योहरों को सब मिल-जुलकर मनाते हैं, उसी तरह क्रिसमस के त्योहार को भी हर्ष और उल्लास से मनाते हैं।इस दिन को भारत मे 'बड़ा दिन' कहा जाता हैं। यह दिन इसलिए बड़ा माना गाया हैं कि इस दिन प्रभु ईसामसीह का बेथलेहम में जन्म हुआ था। इनके जन्म के बारे में एक कथा प्रचलित हैं। आज से लगभग २००० वर्ष पहले गैलीली के नज़रथ कस्बे में मैरी और जोसफ़ नामक युवा जोड़ा रहता था। एक रात गैब्रियल नामक देवदूत ने वर्जिन मैरी को यह बताया कि उन्हें ईश्वर के बेटे को माँ बनने के लिये चुना गया हैं। इसी बीच मैरी और जोसफ़ को बेथलेहम जाना पड़ा। जब तक वे बेथलेहम पहुँचते, तब तक बच्चे के जन्म लेने का समय आ गया, अत; उन्हें रात में भेड़ों के किसी बाड़े में रुकना पड़ा। वहीं प्रभु ईशु जन्म लिया। यों तो प्रभु ईशू सामान्य बच्चों की तरह पले-बढ़े, परंतु उनमें पैगंबर के दिव्य गुण आरंभ से ही थे। उनके तेज और प्रभाव से धीरे-धीरे लोग प्रभावित होते गए और आगे चलकर उन्होंने ईसाई धर्म की स्थापना की।
क्रिसमस का परिचय
संपादित करें'क्रिसमस' का त्योहार प्रभु ईशु को ह्रुदय के उदघार प्रकट करने का दिन है। इस दिन सभी ईसाई लोग शाम को चर्च जाते हैं और सामूहिक प्रार्थना में शामिल होते हैं। सभी लोग अपने-अपने घरों में क्रिसमस-ट्री सजाते हैं, तथा अपने परिवार के सदस्यों, मित्रों आदि को देने के लिए तरह-तरह के तोहफ़े क्रिसमस-ट्री के नीचे रखते हैं, यूरोप में इस दिन यदि स्नो-फॉल होता है, तो उसे बहुत शुभ माना जाता है।
क्रिसमस-ट्री के नीचे रखे जाने वाले उपहारों को जब बच्चों को दिया जाता हैं, तो यह कहकर दिया जाता हैं कि सांता-क्लॉज उनके लिए ये उपहार लाए हैं। इस तरह क्रिसमस भी एक ऐसा पर्व है, जो सभी धर्म और जाति के लोगों को परस्पर जोड़ने का काम करता है। बाज़ारों में चारों ओर सजावट देखते बनती है। लोग इस दिन एक-दूसरे को 'मैरी क्रिसमस' कहकर बधाइयाँ तथा शुभकामनाएँ देते हैं।
क्रिसमस ईसाईयों का त्योहार हैं क्रिसमस २५ दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन खूशी और उल्लास का दिन माना जाता है। प्रभु ईशु का जन्म दिन के अवसर पर क्रिसमस मनाया जाता हैं। यह त्योहार ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता हैं।
क्रिसमस के दिन लोग सिक्रेट सांता खेलते हैं। यह खेल मित्रों, पड़ोसी और रिश्तेदारों के साथ खेलते हैं। जो-जो लोग यह खेल खेलेते हैं, उनका नाम कागज़ में नाम लिखा जाता हैं, जिसको जो नाम मिलता हैं, उसे हम क्रिसमस के दिन कुछ उपहार देते हैं। ईसाइ लोग क्रिसमस की त्योहार १०-१५ दिन पहले से ही तैयारी शुरु करते हैं, अपने घरों को साफ-सफाई करते हैं। घरों को फूलों से सजाते हैं, क्रिसमस ट्री को भी सजाते हैं और घर के बालकनी में तारें लगाते हैं। कई तरह के मिठाईयाँ बनाते हैं। क्रिसमस के दिन पर सभी मित्रों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों को मिठाईयाँ बाँटते हैं। क्रिसमस के दिन नए-नए कपड़े पहनते हैं और क्रिसमस की शुभकामनाएँ देते हैं।
क्रिसमस के कुछ दिनों बाद ही नई वर्ष आता हैं। कई लोगों के लिए यह दुगना मज़ा हैं। लोग नई वर्ष की बहुत ही प्रतिक्षा करते हैं। क्रिसमस के त्योहार के दिन सब अपनी शत्रुता को बुलकर, खुशी से मनाते हैं। हर जगह खुशियाँ फैल जाता हैं और लोग अपनी हर मुश्किलों को भूल जाते हैं। लोगों मे एक-दुसरे के तरफ सम्मान से बात करते हैं। हम्हें स्कुलों और् कॉलेज में क्रिसमस के लिये १० दिनों के लिए छुट्टी मिलती हैं। कई लोग अपने गाँव जाकर भी क्रिसमस मनाते हैं।
क्रिसमस का गीत
संपादित करेंक्रिसमस के गीत इस प्रकार हैं।
१)ओ जिंगल बेल्स जिंगल बेल्स,
जिंगल ओल दी वे
ओ, वॉठ फन इठ इस टु राइड
इन अ वन होर्स ओपेन स्ल्यह
ओ जिंगल बेल्स जिंगल बेल्स,
जिंगल ओल दी वे
ओ, वॉठ फन इठ इस टु राइड
इन अ वन होर्स ओपेन स्ल्यह
ए डे ओर टु अगो
आई ठोट आई हद टैक ए राइड
एन्ड सून मिस फैनी ब्राइट
वॉस सीटड बाइ माइ साइड
दि होर्स वॉस लीन एन्ड लन्क
मिसफोर्चुन सीम्ड इस लॉट
वी गॉट इन्टु ए ड्रिफतड बन्क
एन्ड देन वी गॉट अपसॉत
ओ जिंगल बेल्स जिंगल बेल्स,
जिंगल ओल दी वे
ओ, वॉठ फन इठ इस टु राइड
इन अ वन होर्स ओपेन स्ल्यह
ओ जिंगल बेल्स जिंगल बेल्स,
जिंगल ओल दी वे
ओ, वॉठ फन इठ इस टु राइड
इन अ वन होर्स ओपेन स्ल्यह येह
२)हम चरवा नचे झूम के ओ
चरवा हैं नचे झूम के ओ
आज सभी गा रहे, सुर मिला रहे
मिल के करे वंदना ओ
राजा का जन्म हुआ, पाए खबर
शांती वो लाया हम्हें भूपर
ईश्वर मनुष्य बना बाल येशू जनमा
पावन गौशाला कई बेथलेहेम मैं
एक नया राजा जहां जन्मे
मरियम ने जन्मा बाल येशू
मानव को भेंट मिलि कैसी अनमोल जिसका
दुनिया मैं, नही मोल
हम चरवा नचे झूम के ओ
चरवा हैं नचे झूम के ओ
आज सभी गा रहे, सुर मिला रहे
मिल के करे वंदना ओ
संदर्भ
संपादित करेंhttp://www.history.com/topics/christmas