प्रसतवना

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वैज्ननिकोम ने कै प्रमुख समुहोम मे जानवरोम के सम्रज्य को विनभजित किया है वर्गीकरण प्रयोजनों के लिए।अब तक का सबसे बडा समुह अकशेरूकीय है। यहा जानवरो के ज्ञात प्रजायतियो के बारे मे ९५% शामिल है, स्पंज, मोलस्क , आर्थोपोड्स और कीड़ों सहित।आनिवर्य जरुरतो के साथ जानवरों कि रीड के समुहो के एक ओर ५% होते है।वे मे मोटे तौर पर विभाजित किये जा सकते है, मछलियों, उभयचर, सरीसृप, पक्षियों और स्तनधारियों। कक्षा एविस मे , पक्षियों की लगभग 9000 प्रजातियों मिलकर पयी जाति है।एक आदेश पस्सेइफोर्मेस आधी पक्शि आबाडी कि तुलना मे अधिक होते है, और शेष आदेशों गैर -पस्सेइरिनेस के रूप में सामूहिक जाना जाता है। पक्षियों सभी आकृति और आकार में आते हैं: जैसे कि शुतुरमुर्ग, जो कि 2.5 मीटर लंबा खडा हो सक्त है और चिड़ियों जो कि सबसे छोटी पंछी है, वोह ६ सेन्टिमितटर कि लम्बाइ तक जा सकती है। कुछ पक्षी ऐसे होते है जो उड़ नहीं सकते और कुछ ऐसे छोटे पक्षी भि होते है जो मंडराना या पीछे की ओर उड़ान भरने के लिए जाने जाते है।लेकिन अन्य जानवरों से पक्षियों को अलग उन्के पन्खो के मध्यम से किय जा सक्ता है।सभी पक्षियों के पंख होते है।

पंख एक पक्षी के पंखों का गठन होत है।यांत्रिक और थर्मल संरक्षण प्रदान करने के अलावा, पक्षति व्यवस्थित बनाने में भी सहायता करती है।पक्षति अनेक प्रकार के होते है,किन्तु समुच्च पंख सबसे प्रमुख होते है, जो साधारण दिखाई देने वले पक्षति का गठन होते है और वे परत के नीचे छिपा हुआ पय जाता है। अन्य पक्षियों मे शरीस के जगह-जगह मे पंख पाये जाते है, और उन्के बीछ के हिस्से खालि होते है। एक पक्षी का पक्षति मोउल्टिग के द्वारा नीयमित रूप से परिस्थापित किया जाता है। पक्षति के रंगाई और पैटर्न के मध्यम से हम पक्षियों को एक दूसरे से अलग कर सकते है।

बिल और पैरों

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बिल और पैरों को एक पक्षी के बाहरी सुविधाओं का प्रमुख तत्व माना जाता है, और संरचना में भारी विविधताओं और उनके उपांग के आकार के कारण वे अपने पक्षति से मिलते-झूलते है।

पक्शी प्रवास

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पक्शी प्रवास

पक्शीयो के गरम खूना और उध्ने की शम्ता के कारान वो जगह जगह पाये जाते है। इस कारन दुस्रे पशू इस सुविधा का लाभ नही उथा पाते है।पक्शी एक बुरे वतवरन से एक अछे पवतवरन मे जा सक्ते है अप्ने उध्ने कि शम्ता के मदत से।पक्शी को जिस वतवरन मे जैसी जगह रेह्ना होता है वे वही रेह्ते है।वे एक उधान से एक लम्बी यात्रा को पूरा कर सक्ते है।कुछ ऐसे बतक होते है जो गर्मी के समय भारत मे पाये जाते है।वे इस्लिये क्युन्कि व अप्नी जन्म्भूमी से उध्के यहा आ जाते है।पक्शियो का एक वातावरन् से दुस्रे वातावरन मे उध्ना अत्यन्तता आकर्शक होता है।पक्शी प्रवास की शिक्शा अन्य देश मे होती है।सुरज का धर्ती की ओर छुकाओ देख्के वे अप्नी दिन की उदान का निश्छय लेते है।रात की उदान तारो के छुअह को देख्के होता है।

पक्शी प्रवास के कारन

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पक्शी प्रवास, हुजी'स एड्मणड जे. सफ्रा कामपस

सारे पक्शी छाहे वो कैसे भी हो उध्ने वाले या न उध्ने वाले सभी उधान शेयर होते है।पेह्ले के जमाने मे पक्शी कभी भी कही भी उध सक्ते थे,परन्तु अब केवल न ज़्याद गरम और न ज़्याद थन्दे रेह्ने वाले जहग के उन पक्शी मे अत्यन्त प्रवास देख्ने को मिलता है।वे पूरे दिन दुनिया के एक कोने से दुस्रे कोने तक उध्ते रेह्ते है। इस्के कारन उन्के खाने ,पीने,सोने,कि आद्ते बहुत कम हि जाती है। पक्शी प्रवास के अन्य कारन होते है।उस्के कुछ कारन इस प्रकार है: १)कुछ पक्शी मौसम के बद्लाव और बारिश के कारन प्रवास कर्ते है।

२)कुछ पक्शी उत्तर से दक्शिन की ओर प्रवास कर्ते है।

३)किसी जाती के कुछ सदस्य प्रवास कर्ते है तोह कुछ नहि कर्ते।

४)कुछ पक्शी दिन कि लम्बैइ को देख्के प्रवास कर्ते है।

५)कुछ पक्शी केवल तभी प्रवास कर्ते है जब मौसम न ज्तयाद गरम और न ज्याद थन्दा हो और खाने का प्रबन्ध अछा हो,वही दुस्री ओर ऐसे भी पक्शी होते है जो इस्का विप्रीत कर्ते है।

निवास और अनुकूलन

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पक्षी का निवास तरह तरह का है| उसके निवास स्थान खाना, शिकारियो से ससुरक्षा, घोंसला बनाने का सविदान आदि प्रधान करना होग| पक्षी विविध तरह का निवास मे रह्ने केलिये अनुकूल बनाया हे, उदाहरण : आरतिक टुंड्रा, सहारा रेगिस्तान, आमसोण वन,और समुद्र के मध्य मे भी हमे पक्षी दिखया जा सकता हे| पक्षियों कई प्रतिकूल स्थिति का सामना करना पड़ा है, फिर भी वो विलुप्त के सामने हारा नही, सिर्फ आगे बदा हे | हर निवास मे एक तरह या जाती का पक्षी को दिखाया जा सकता हे | इसका कारण यह हे कि पक्षी एक तरह का निवास मे विशेष रूपात्मक अनुकूलन दिखाता हे |

वास आवश्यकता

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एक पक्षी का निवास भौगोलिक बाधाओं से वर्जित हे| उदाहरण, मनाकिन, कोन्तिघस, आदि पक्षियों को सिर्फ दक्षिण और मध्य अमेरिका मे देख सकते हे| कभी कभी वास प्रतिबंध इसीलिए आता हे क्योकि उस जाती के पक्षी को किसी तरह का साधन या रिसोर्सस का जरूरत हे या इसीलिए क्योकि उसे एक सुरक्षित घोंसला बनाने की स्थान का जरूरत है|

कुछ पक्षी व्यापक रेज की निवास स्थान मे रह्ता है| पेरीग्रैन फाल्कन और ठैतो आल्बा नामक पक्षी को दुनिया मे एक व्यापक रेज का वास स्थान हे |

अनेक प्रवासी पक्षी प्रजनन के मोसम अलग निवास चुनता है|


पक्षी निरीक्षण क्षेत्र के तरीकों

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पक्षी निरीक्षण

पक्षीयो को देखने केलिए अनेक प्रकार के विधियों का इस्तमाल करते है|


  1. अवलोकन और फोटोग्राफी केलिए ब्लैन्द

ब्ल्न्द या खाल क्लोज़ अप निरीक्षण और फोटोग्राफी केलिए जरूरी है| ब्लन्द विशेष स्थान सूट करने के लिए निर्मान करते है|

  • फ्रमवर्क

एक ग्रोउन्ड ब्लैन्द् केलिए फ्रमवर्क का निर्मान मेटेल से करना चाहिए| एक एलवेटड ब्लैन्द केलिए २x४ इंच बोर्डों से बना हुआ फ्रमवर्क का इस्तमाल करता है| उसको 25 फुट के आसपास ऊंचाई होनी चाहिए| फ्रेम के ऊपर ४ फीट स्क़ुअर और नीचे ६ फीट स्क़ुअर

  • कवरिङ्

कवरिङ कठिन कपड़े से करना होगा जो जलरोधक हो, उसका रग गहरे हरे या भूरा होना चाहिए| इस कवर को काटना चाहिए और इसे एक साथ सिलना किया जाना चाहिए इसीलिए की यह कवर फ्रमवर्क से फिट करे| कवर के सामने की ओर कई ज़िप्पिग्स शामिल करना चाहिए ताकी इससे पंछी को देख सके|

ब्लन्द रखने के समय कुछ सावधानिया लिया जाना चाहिए। अशांति को रोकने के क्रम में फ्रमवर्क घोंसले से दूर  रखा जाना चाहिए । छोटे पक्षियों (१२ इंच या उससे कम ) ब्लैन्द-फ्रमवर्क के लिए घोंसले से लगभग १० फीट रखा जाना चाहिए।

2 फोटोग्राफी

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Blue-Whistling Thrush East Sikkim India 10.05.2014

फोटोग्राफी पक्षी निरीक्षण का सबसे महत्वपूर्ण पहलू में से एक है । पक्षी फोटोग्राफी में कई उपकरणों का इस्तमाल किया जाता है । वे इस प्रकार हैं -

  • रिफ्लेक्स फैन्दर
  • फास्त लेनसेस
  • टेलीफोटो लेनसेस
  • एक्सटेनक्षन दिवैसस
  • फ्लाश एक्विपमेन्द
  • त्रैपोद
  • गणस्टोक मोन्द
  • बुलेटेड सूची आइटम

इन उपकरणो की सहायता से हमे पक्षियो का अच्छी तस्वीरें ले सकता है|

३ रिकॉर्ड पक्षी ध्वनियों

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पक्षियों की आवाज रिकॉर्ड करने के लिए हम अच्छी गुणवत्ता ध्वनि उपकरणों का उपयोग करना चाहिए । इन उपकरणों को घर में इस्तेमाल उपकरणों की तुलना में अधिक निष्ठा होनी चाहिए। इन उपकरणों आवृत्तियों की एक विस्तृत श्रृंखला को दर्ज करना चाहिए। वे जंगल में उपयोग करने के लिए पोर्टेबल और मजबूत होना चाहिए, लेकिन वे दूरी से आनेवाली ध्वनियों को स्वीकार करने के लिए विशेष सेंसरो से सुस्सज्जित होनी चाहिये| वे पर्यावरण शोर से विरूपण को रद्द करना चाहिए।

निम्नलिखित उपकरणों पक्षियों की आवाज की रिकॉर्डिंग में उपयोग किया जाता है

  • रकोरडर
  • पाराबोलिक रिफ्लेकटर
  • मैक्रोफोण


४ पक्षियों और उनके अंडे का रंग रिकॉर्डिंग

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पक्षियों और उनके अंडे के रंग का वर्णन करते हुए , हम रंग और उनके रंग के नाम का एक मानक का पालन करना चाहिए । रंगों के नाम का सबसे अच्छा मानक है, विल्लालोबोस-दोमिनगुएज़ का अट्लस द लोस कोलोरेस । इस पुस्तक में उपलब्ध रंगों के मामले की पसंद सबसे अधिक विवरण के लिए पर्याप्त है।


  1. Ornithology in laboratoy and field, Olin Sewall Pettingill, Surjeet Pubications
  2. Kotpal R.L Modern textbook of zoology, Restogi Publications