मंसूर अली खान पटौदी
जन्म मोहम्मद मंसूर अली खान सिद्दीकी पतौड़ी
५ जनवरी १९४१
भोपाल, भोपाल राज्य, ब्रिटिश भारत (वर्तमान में मध्य प्रदेश, भारत)
मौत २२ सितंबर २०११
नई दिल्ली, दिल्ली, भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
उपनाम टाइगर पतौड़ी
पेशा क्रिकेटर


मंसूर अली खां पटौदी क्रिकेट की दुनिया का जाना-माना नाम है।मंसूर अली खान पटौदी का जन्म ५ जनवरी १९४१ मे हुआ।इन्हे "टईगर पटौदी" भी कहकर पुकारा जाता था।यह एक भारतीय क्रिकट खिलाडी थे और भारतीय टीम के कप्तान भी थे।वह १९५२ से १९७२ तक पटौदी के नवाब थे।उन्हें भारत के सबसे अच्छे कप्तनों मे से एक माना जाता है।२२ सितंबर २०११ को उनकी मृत्यु हो गई। ७० साल के उम्र मे उनका देहांत हो गया

जन्म और प्रारंभिक जीवन संपादित करें

"मंसूर अली खां पटौदी क्रिकेट की दुनिया का जाना-माना नाम है।"मंसूर अली खान पटौदी का जन्म ५ जनवरी १९४१ मे हुआ।इन्हे "टईगर पटौदी" भी कहकर पुकारा जाता था।यह एक भारतीय क्रिकट खिलाडी थे और भारतीय टीम के कप्तान भी थे।वह १९५२ से १९७२ तक पटौदी के नवाब थे।उन्हें भारत के सबसे अच्छे कप्तनों मे से एक माना जाता है।२२ सितंबर २०११ को उनकी मृत्यु हो गई। ७० साल के उम्र मे उनका देहांत हो गया।मंसूर अली खान क जन्म भोपाल मे हुआ।उन्के पिता का नाम इफ्तिखार अली खान है और उनके माता का नाम बेगम साजिदा सुल्तान है।उन्होंने अपनी शिक्षा देहरादून के वेलहम बॉय्स स्कूल मे किया फिर लॉकर्स पार्क प्री स्कूल मे और फिर विनचेस्टर कॉलेज मे।उन्हे पटौदी जुनियर भी कहा जाता था।वह एक दांए हाथ के बल्लेबाज़ थे और एक दांए हाथ मध्यम गति गेंदबाज़ थी।

क्रिकेट कैरियर संपादित करें

विंचेस्टर में स्कूल के छात्र खान ने अपने बल्लेबाजी के जौहर दिखाना शुरू कर दिए थे।उन्होंने अपना पहला मैच अगस्त १९५७ मे खेला ससेक्स के लिए उन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड के लिए भी खेला और वहॉं के पहले भारतीय कप्तान थे।उन्होंने १९६१ मे ऑंख मे चोट लगी लेकिन वह ६ महिने बाद इंगलैंड के खिलाफ खेलने के लिए पहुच्ं गए दिल्ली मे।उन्होंने अपने खराब ऑंख के ऊपर अपनी टोपी से डक्कर खेला।फिर उन्हें १९६२ वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ खेलने के लिए उप कप्तान बनाया।मंसूर को फिर भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया।जब वो २१ साल के थे वो सबसे छोटें खिलाडी बने जिन्होंने टेस्ट मैच खेला और दुसरे चार टेस्ट मैच के कप्तान।उन्होंने भारत के लिए ४६ टेस्ट मैच खेला १९६१-७५ के बीच, उनके नाम ६ टेस्ट सेन्चुरी है और २,७९३ रन।उन्होंने १६ वर्षों के रणजी ट्राफी कैरियर में २५६२ रन बनाए।उनके समय पर ही भारत ने बाहर के देश मे मैच जीता वो भी न्यूजीलैंड के खिलाफ।पटौदी टेस्ट इतिहास में छः स्थान पर बल्लेबाजी करते समय एक टेस्ट मैच में गेंदों की सबसे अधिक संख्या का सामना करने के लिए रिकॉर्ड रखता है (५५४)।

पुरस्कार और उपलब्धियां संपादित करें

२००७ में, भारत की टेस्ट पदार्पण की ७५ वीं वर्षगांठ की स्मृति में, मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब ने भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच श्रृंखला के लिए एक ट्रॉफी शुरू की है जिसे अपने पिता,८ वें नवाब के सम्मान में पटौदी ट्रॉफी नाम दिया गया था।उन्हें १९६२ मे इणडियन क्रिकेटर का पुरस्कार मिला।उनकी चरित्र कथा का पुस्तक का नाम है टईगर टैल जो १९६९ मे छपी गई।वह १९७४ से १९७५ तक इणडियन टीम के मैनेजर थे।बाद मे वो आई पी एल के परिषद सदस्य भी बने।उन्हें १९६६ मे अर्जुन पुरस्कार मिला और १९६७ मे पद्मश्री।अर्जुन पुरसकार भारत सरकार द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को दिया जाता है इस पुरस्कार का आरम्भ सन १९६१ में हुआ था यह पुरस्कार पिछले तीन वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाडियों को दिया जाता है।१९६१ में शुरू हुआ, इस पुरस्कार में ५,००,००० रुपये का नकद पुरस्कार, अर्जुन की कांस्य प्रतिमा और एक स्क्रॉल है।पिछले कुछ वर्षों में पुरस्कार का दायरा बढ़ाया गया है और पूर्व अर्जुन पुरस्कार युग से संबंधित बड़ी संख्या में खेल व्यक्तियों को भी सूची में शामिल किया गया था। इसके अलावा, अनुशासनिक खेलों और शारीरिक रूप से विकलांग श्रेणी शामिल करने के लिए पुरस्कारों की संख्या में वृद्धि की गई थी।पद्मश्री,भारत सरकार द्वारा आम तौर पर सिर्फ भारतीय नागरिकों को दिया जाने वाला सम्मान है जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि, कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन आदि में उनके विशिष्ट योगदान को मान्यता प्रदान करने के लिए दिया जाता है।क्रिकेट के प्रति उनके उत्कृष्ट योगदान के सम्मान में,मंसूर अली खान पटौदी मेमोरियल व्याख्यान बीसीसीआई ने ६ फरवरी २०१३ को २७ फरवरी २०१३ को सुनील गावस्कर के उद्घाटन व्याख्यान के साथ २० फरवरी २०१३ को शुरू किया था।

व्यक्तिगत जीवन संपादित करें

नवाब पटौदी ने प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री शर्मिला टैगोर से शादी की थी। उनके 3 बच्चे हैं जिनमें बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान और अभिनेत्री सोहा अली खान के अलावा ज्वेलरी डिजाइनर सबा अली खान शामिल हैं।पटौदी को अक्टूबर २००५ में ब्लैकबक और दो खरगोशों के शिकार पर गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। मामला ९ साल तक चला, और जनवरी २०१५ में, छह लोगों को दोषी ठहराया गया। अगस्त २०११ में श्री पतौड़ी की मृत्यु हो गई थी और इस प्रकार अब आरोपी का हिस्सा नहीं था। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि उनके बेटे सैफ अली खान पतौड़ी को १९९९ में सलमान खान, तबू, सोनाली बेंद्रे और नीलम के साथ ब्लैकबक्स पर शिकार करने पर भी गिरफ्तार किया गया था।१५ अगस्त २०११ को पटौदी को नई दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसमें क्रोनिक इंटरस्टिशियल फेफड़ों की बीमारी के कारण एक गंभीर फेफड़ों का संक्रमण हुआ था, जिसने फेफड़ों को ऑक्सीजन का आदान-प्रदान करने से रोका था। नई दिल्ली में एक महीने से अधिक समय के लिए अस्पताल में रहने के बाद २२ सितंबर २०११ को श्वसन विफलता की मृत्यु हो गई। दिल्ली के पास पटौदी में उनके शरीर को दफनाया गया।टाइगर पटौदी ने क्रिकेट के खेल में भारतीय टीम में आक्रामक रुख की शुरुआत की।पटौदी ने अपने क्रिकेट कैरियर में अनेक शानदार पारियां खेलीं,जिनके लिए उन्हें क्रिकेट में सदैव याद किया जायेगा।

सन्दर्भ संपादित करें

[1] [2]

  1. http://www.espncricinfo.com/india/content/player/32222.html
  2. https://www.huffingtonpost.in/2016/04/11/mansoor-ali-khan-pataudi-_n_9657538.html