सदस्य:Anir0208/प्रयोगपृष्ठ
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समराट कौन थे
संपादित करेंमजापहित साम्राज्य, इंडोनेशिया का सम्राट।
विक्रमवर्धन एक जैवनीस राजा थे और वे हायम वारुक के बाद मजापहित साम्राज्य के पाँचवें समराट बने। उनका साम्राज्य सन १३८९ से १४२९ के बीच था।
सामराज्य को चुनौती
संपादित करेंहायम वारुक की बेटी, राजकुमारी कुसुमवरधनी से विवाह करने के बाद वे पिछले समराट का भतीजा तथा दामाद दोनो बन गए। परन्तु उनके साम्राज्य को वारुक के बेटे विरभूमी ने चुनौती दी। वीरभूमी को लगा कि स्वर्ग को सिधारे सम्राट हायम वारुक का एकमात्र पुत्र होने के नाते अगला सम्राट बन्ने का हक उसका बनता था। परन्तु वीरभूमी में वैधता की कमी थी क्युकि उनके माताजी उपस्री थे। उत्तराधिकारी के संघर्ष ने दोनो के बीच युध का ऐलान हो गया। इस युद्ध का नाम पारेग्रेग था।
सामराज्य का अन्त
संपादित करेंवीरभूमी को हराकर विक्र्मवर्धन[1] ने युध तो जीत लिया परंतु इस गृह युद्ध ने नुसानतारा मे मजापहित शासन को बहुत ज्यदा कमजोर बना दिया। वे दूर दूर के राज्यो मे अपनी शासन खो दी। यह युद्ध सन १४०४ से १४०६ में लडी गई। इस युद्ध ने मजापहित साम्राज्य की वित्तीय स्थिति को हानि पहुचाया और साथ ही साथ अन्य संकटो को भी जन्म दिया। इन्ही कारणो से आने वाले समय में मजापहित साम्राज्य का अंत हो गया।
समराट विक्रमवर्धन ने सन १४२९ तक राज किया। उनके बाद उनकी बेटी ने कार्यभार संभाला।[2]