डाई वह रंगीन पदार्थ है, जिसे किसी और पदार्थ में मिला के उसकी आत्मीयता बदली जा सकती है। आमतौर पर डाई को जलीय घोल द्वारा इस्तेमाल में लाया जाता है। कई बार डाई में मोर्दंत(mordant) को भी घोल में मिलाया जाता है, जिसे डाई की तीव्रता कपडे पर तेज़ होती है। आमतौर पर डाई को बाल व कपड़ों को रंगने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है।

रंग और डाई दोनों ही रंगीन होने आवश्यक होते हैं, क्यूंकि वो दूसरों की तुलना में अधिक प्रकाश की कुछ तरंगों को अवशोषित करता है। पिगमेंट (pigment) एक अघुलनशील पदार्थ होता है, जिसके पास कोई ऐफिनिटी (afinity) नही होती सब्सट्रेट (substrate) के लिए। कुछ डैएस को इनेर्ट साल्ट (inert salt) के साथ प्रेसिपिटते (precipitate) किया जा सकता है, जिसे लेक पिग्मेंट (lake pigment) का उत्पादन किया जा सके। किस प्रकार की लेक हो ये इस बात पर निर्भर करता है की कौनसा साल्ट (साल्ट) इस्तेमाल किया गया है, जैसे एल्युमीनियम लेक (aluminum lake), कैल्शियम लेक (calcium lake) या फिर बेरियम लेक (barium lake) पिगमेंट्स।

नेचुरल डाई (natural dye)

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अधिक्तर नेचुरल डाई पौधों द्वारा स्रोत किये जाते हैं: जड़, बेरीज (berries), छाल, पत्त्ती, लकड़ी, फ्न्जई (fungi), और लिकन्स (lichens)। प्राचीन काल में मनुष्य कपडा रंगने के लिए इन्ही प्रकार के आसानी से पाए जाने वाले साधनों का इस्तेमाल करते थे।