भगवान श्रीराम के वनवास का साक्षी रहे दिव्य स्थानों में से एक सिद्धनाथ है अगस्त ऋषि से भगवान श्रीराम की भेंट यही हुई थी। इसका प्रमाण रामायण में भी मिलता है। साथ ही राम वन पथ गमन मार्ग की खोज के दौरान पुरातत्व विभाग की टीम ने भी इसकी पुष्टि की थी। यह स्थान पन्ना जिला मुख्यालय से 60 किमी दूर पटना तमोली क्षेत्र में है, जिसे सिद्धनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहीं अगस्त ऋषि का आश्रम आज भी मौजूद है। यहां वे तपस्या किया करते थे।

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अगस्त मुनि पन्ना जिले के पटना तमोली ग्राम के पास स्थित सिद्धनाथ क्षेत्र में आए थे और यहां उन्होंने तपस्या की थी। संत वेल कुडी का कहना है कि बाल्मीकी रामायण में भी इसका वर्णन मिलता है। तमिल भाषा संस्कृत के समकक्ष है और इसका प्रकाशन भी अगस्त मुनि ने किया था। बोधिगयी पहाड़ दक्षिण में है और वहां भी अगस्त जी ने तपस्या की थी। इसके बाद वे भारत की यात्रा पर निकले और उन्होंने पूरे भारत को एक सूत्र में पिरोया। दक्षिण भारत के प्रसिद्ध ग्रंथ आडिंवार में भी अगस्त मुनि का वर्णन मिलता है और यहां दर्शन कर हम लोग धन्य होते हैं।

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सिद्धनाथ मंदिर पटना तमोली

सिद्धनाथ का मंदिर 6 वीं शताब्दी में बनाया गया था। अनोखी शिल्प कला के इस मंदिर के साथ कभी यहां 108 कुंडीय भव्य मंदिर भी हुआ करता था जिसके प्रमाण साफ देखे जा सकते हैं।

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[[चित्र:सिद्धनाथ मंदिर.