सदस्य:Arpita agrawal/WEP 2018-19
यह सदस्य विकिपरियोजना क्राइस्ट विश्वविद्यालय का हिस्सा है।. |
एकनाथ सोलकर
संपादित करेंप्रारम्भिक जीवन
संपादित करेंयह एक ऐसे आदमी की कहानी है जिसने क्रान्ति की शूरुआत की- एकनाथ सोलकर। एकनाथ सोलकर एक भारतीय ऑलराउंड क्रिकेट खिलाड़ी है, जिसने अपने देश के लिये २७ टेस्ट और सात वन-डे अंतरराष्ट्रीय मैच खेला है। उनका जन्म मुम्बई मे हुआ था और ५७ वर्ष के आयु मे दिल के दौहरे के कारण उनका देहान्त हो गया था। ना सिर्फ सोलकर के नाम पर एक टेस्ट-शतक था, बल्कि वह अपने समय के सक्षम बल्लेबाज भी थे। वे तेज़ी एवम धीमी गती से गेन्दबाजी करने मे कुशल थे। यही वजह है की उनहे 'पूअर मैन सोबर्स' के खिताब से अर्जित किया गया था। केवल २३ मैचों मे उनकी ५३ कैच, कैच के लिये सबसे अच्छा अनुपात माना जाता है।
पारिवारिक जीवन
संपादित करेंसोलकर के पिता हिंदू जिमखाना, मुंबई में मुख्य आधार पर थे। वह अपने माता पीता और ५ भाई बेहनो के साथ साझा ज़मीन पर एक कमरे की झोपडी मे बडे हुये थे। सोलकर मैदान पर खेले गये मैचो के लिये स्कोरबोर्ड बदलते थे।
व्यवसाय
संपादित करेंअपने स्कूल के दिनो के दौरान क्रिकेटर के रूप मे उन्होने १९६४ मे श्रीलंका का दौरा किया और १९६५-१९६६ मे लंदन स्कुलो के खिलाफ भारतीय स्कुलो का नेतृत्व किया। टीम में भविष्य भारत के खिलाड़ी सुनील गावसकर और मोहिंदर अमरनाथ भी शामिल थे। एकनाथ के छोटे भाई अनन्त सोलकर ने रणजी ट्रॉफी मैचों में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रथम श्रेणी के स्तर पर क्रिकेट खेला था। सोलकर ने १९६९-१९७० में हैदराबाद में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना टेस्ट मैच शुरू किया और शॉर्ट लेग पर खेले जाने के लिए स्वयंसेवी की। वह आजादी के बाद पैदा होने वाले पहले भारतीय टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी बने। १९७१ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसी सत्र में और वेस्ट इंडीज के खिलाफ उनकी सफल श्रृंखला थी। उन्होने ५ टेस्ट सीरिस मे बारह कैच पकड़ा था।
योगदान
संपादित करेंउन्होंने १९७४ की श्रृंखला में इंग्लैंड के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था,लेकिन तीन लगातार पारी में जेफ्री बॉयकॉट को आउट कर दिया। उन्होंने १९७५ मे मुंबई में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी एकमात्र टेस्ट शतक बनाया था।अपने क्रिकेट करियर के १६ वर्शो में,उन्होंने २९ के औसत से ६८५१ रन बनाये, जिसमे आठ शतक शामिल थे। उन्होने ३० के औसत से २७६ विकेट लिये और १९० कैच ले लिये। टेस्ट क्रिकेट मे गेन्दबाज़ के रूप मे उनका काम ४-५ ओवरो मे गेन्दबाज़ी करना था ताकी भारतिय स्पिनरों के कब्जे से पेहले जितनी ज़्यादा हो सके नई गेंद को सके। मुंबई की रणजी टीम के लिये उन्होने अब्दुल इस्माइल के साथ एक शुरुआती गेन्दबाज़ो का टंडेम बनाया था। [1] [2]