सदस्य:Astrologer amrendra gaur/प्रयोगपृष्ठ

  'ज्योतिष में गोचर फल का प्रभाव्'मोटे अक्षर
गोचर से मतलब वर्तमान समय में आकाश में ग्रहों की स्तिथि से है .कुंडली में जहाँ चन्द्र राशि होती है ,उसी को आधार मानते हुए चन्द्र कुंडली के लग्न से वर्तमान आकाशीय ग्रहों को भावो में बैठाते है. गोचर कुंडली से जातक पर क्या प्रभाव हो रहा है फिर उस कुंडली से जानते हैं .ग्रहों का फल इस प्रकार से है . जनम राशि से सूर्य की पोजीशन का फल यदि सूर्य इन भावो में बैठा होगा तो वह इस प्रकार फल देगा .
प्रथम भाव में - यहाँ पर सूर्य रक्त में कमी लायेगा .थकन ,नेत्र रोग ,काम में बाधाएं देगा ,बेकार में चारो ओर घुमाता रहेगा , भोजन में भी भी परेशानी देगा . हर काम देर से होता है ,बेकार की म्हणत करवाता पर फल नहीं देता .कब्ज़ , पेट के रोग , हृदय रोग धन हानि ,सम्मान में कमी दिलाता है .शान शौकत में कमी और फालतू के झगडे करवाता है.
द्वितीय भाव