वेंकटेश प्रसाद
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जन्म बापू कृष्णराव वेंकटेश प्रसाद
५ अगस्त १९६९
बेंगलूरू, कर्नाटक
राष्ट्रीयता भारतीय
पेशा क्रिकेट खिलाड़ी
कार्यकाल १९९६ -
प्रसिद्धि का कारण राइट-आर्म मध्यम-तेज़ गेंदबाज

बापू कृष्णराव वेंकटेश प्रसाद एक पूर्व भारत क्रिकेट टीम का कप्तान था । उनका जन्म कर्नाटक राज्य का राजधानी बेंगलूरू में जन्म हुआ। उनका प्रथम प्रवेश १९६६ में हुआ। वेंकटेश प्रसाद एक दाहिने हाथ मध्यम तेज गेंदबाज और दाएं हाथ के बल्लेबाज है । प्रसाद को जवागल श्रीनाथ के साथ अपने गेंदबाजी संयोजन के लिए विख्यात किया गया था। उनका जन्म ५ अगस्त १९६९ में हुआ।

क्रिकेट मे उसका पेशा

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उनका पेहला परीक्षण मैच इंगलेंड के खिलाफ ७ जुन १९९६ मे खेला और उनका पेहला ओ.डी.आई मैच न्यूज़ीलैंड के खिलाफ २ अप्रेल १९९४ मे खेला। प्रसाद ने भारतिय क्रिकेट टीम के लिए अनेक विजय दिया और वे अनेक विकेट लिए। उनका एक बड़ी उपलब्धि पाकिस्थान के खिलाफ में एक ही ओवर मे ५ विकेट लिए और कोइ रन्स नही दिया। दिसंबर १९९६ में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के डरबन में एक टेस्ट मैच में १० विकेट लिए। इस अवधि के लिए, उन्हें वर्ष का सीईएटी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी नामित किया गया था। १९९६ मे होनेवाली विश्व कप मे प्रसाद बल्लेबाजी करने के समय वह बाहर हो गया पर अपनी विशवास को नही छोडा, अगली गेंद मे पकिस्तान का मुख्य बल्लेबाजी को बाहर निकल गया इस विकेट बहुत मुख्य था क्योकि वे पूरी मैच का हाल बदल गया, इसके कारण विश्व कप मे हमारा भारत पहली बार जीता। प्रसाद अपनी धीमी गेंदबाजी के लिया अंतर्राष्ट्रीय स्थान मे बहुत प्रमुख है।अनेक स्वास्थ्य समस्याएं के लिए वे केवल पांच साल खेला (१९९६-२००१) और उसका अंतिम टेस्ट मैच मे श्रीलंका के खिलाफ और अंतिम ओ.डी.आई केन्या के खिलाफ खेला फिर रिटायर हुआ।

 
Venkatesh Prasad

व्यक्तिगत जीवन और शिक्षा

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वेंकटेश प्रसाद का पिता का नाम बापू कृष्णराम राव है और प्रसाद ने बेंगलूरू विश्वविद्यालय मे उसका शिक्षा किया। उनका पन्ति की नाम जयनती प्रसाद है और बेटा का नाम प्रत्वी प्रसाद है और वे भी क्रिकेट खेलने के लिए बहुत पसंद और भारतिय क्रिकेट टीम मे खेलने के लिए तैयार करता है।

फिल्म उद्योग और पुरसकार

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२०१४ मे वेंकटेश प्रसाद एक कन्नड़ चलचित्र "सचिन! टेन्डुलकर अला" मे नायक का पात्र किया और इस चलचित्र का निदेशक एस.मोहन है और नायिका सुहासिनी है। इस चलचित्र मे एक मानसिक रूप से मंद लड़का अपनी क्रिकेट खेलने का सपना कैसे पूरा करता है के बारे में है। प्रसाद इस फिल्म मे एक क्रिकेट प्रशिक्षक का पात्र किया और इस फिल्म बहुत हिट हुआ था। वेंकटेश प्रसाद २००० मे उनका सबसे अच्छी गेंदबाज, थोड़ा समय अनेक विकेट लेने और अच्छि कप्तान के लिए हमारा देश का एक प्रतिष्ठित पुरस्कार "अर्जुना पुरस्कार" प्रसाद को मिला । उनको १९९६-१९९७ मे "सीईएटी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी" का पुरस्कार मिला क्योकि सारे अंतर्राष्टीय खिलाड़ियों को तुलना करने मे प्रसाद को ज्यादा निशान मिला । अपनी क्रिकेट व्यवसायी मे दों "मान आफ दी मैच" का पुरस्कार मिला। उनकी अंतिम मैच के बाद वे क्रिकेट नही छोड़ा

निवृत्ति के बाद

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२००६ मे १९ साल के नीचे भारतीय क्रिकेट टीम का प्रशिक्षक बना और उसका टीम उपविजेता का स्थान मिला और इस मैच के बाद प्रसाद ने प्रशिक्षण का पद को इस्तीफा दे दिया । वेंकटेश प्रसाद ने अनेक उपलब्दियों किया केवल उनका स्वंय नही हमारा भारत का गर्व के लिए किया। २००७ का विश्व कप मे भारतिय क्रिकेट टीम नही जीता और लोगो कहा कि गेंदबाजी में समन्वय नही होने के करण भारत जीत नहीं सका। इसलिए मई में बांग्लादेश दौरे के लिए प्रसाद भारतिय टीम का गेंदबाजी प्रशिक्षण के रूप में नियुक्त किया गया था और ३ साल की अवधि के बाद भारतीय टीम में उनकी वापसी थी पर १५ अक्तूबर २००९ मे बी.सी.सी.आई ने वेंकटेश प्रसाद और भारत टीम का क्षेत्ररक्षण प्रशिक्षण रोबिन सिंह ने बर्खासत कर दिया और इसका कारण किसी को नही पता चला। आइ.पी.एल का आरंब मे रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर ( आर.सी.भी) टीम का गेंदबाजी प्रशिक्षण का पद मिला और आज वे किंग्स इलेवन पंजाब का गेंदबाजी प्रशिक्षण है । प्रसाद को प्रमुख प्रशिक्षण नही बनना चाहता है पर केवल किसी भारतिय प्रमुख प्रशिक्षण के साथ एक सहायक प्रशिक्षण बनने के लिए मजबूर है। अनेक खिलाडियों वेंकटेश प्रसाद को एक प्रेरणा के रूप मे मानते है क्योकि वे बहुत आसान से इस स्थान को नही मिला बल्कि ज्यादा मेहनत और कष्ट से इस उच्च स्थान मिला।

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  1. https://www.sportskeeda.com/player/venkatesh-prasad