"गाड़ा बिरादरी का इतिहास"

काफी दिन से सोच रहा था लिखना क्योंकि मेने फेसबुक पे काफी पोस्ट देखी है गाड़ो के इतिहास के बारे जो बिल्कुल भी हज़म नही होती है। पिछले बहुत दिनों से तो एक पोस्ट ने सोचने पर मजबूर कर दिया की गाड़ा जो कोम है असल मे वो गौड़ ब्राहमण है जिन्होंने इस्लाम कबूल कर लिया था ऐसा बिल्कुल नही है ये हो सकता है कि कुछ गौड़ ब्राह्मणों ने इस्लाम क़बूल करके गाड़ो में शामिल हो गए हो।

लेकिन ऐसा बिल्कुल नही है कि गाड़ो का अपना कोई इतिहास नही है में आपको बताता हूं गाड़े कहा से ओर कब आये सबूत के साथ एक किताब लिखी गयी जिसका नाम है "हिन्दुस्तान पर मुगलिया हुकूमत" उस किताब में लिखा गया है कि जब मुहम्मद गौरी हिन्दुस्तान आया था तो उसके साथ आये हुए कुछ लोग, मुहम्मद गौरी के हिन्दुस्तान से जाने के बाद यही पर रह गए थे। वो लोग बहुत बहादुर थे जंग में हमेशा आगे रहते थे जिसकी वजह से मुग़ल काल मे इनको अगाड़ा कहा गया। ये गाड़े जितने भी है सब उन्ही लोगो की नस्ल से है।

जिसका सबसे बड़ा सबूत ये है उस किताब में लिखा गया है कि जब मुहम्मद गौरी हिन्दुस्तान में आया था तो वो गंगा और यमुना के बीच दिल्ली के आस पास आया था ओर आया ही यहाँ था कोई भी इतिहास की किताब पढ़ लेना, 

इसलिए ही गाड़े आपको सहारनपुर,मुज़फ्फरनगर,रुड़की,मेरठ में मिलेंगे इसके अलावा आपको गाड़े पूरे हिन्दुस्तान में कही नही मिलेंगे अगर मिलेंगे तो वो सब सहारनपुर,मु०नगर,मेरठ से ही गये हुए है। गाड़े कोई गौड़ ब्राह्मण नही थे ये हो सकता है कि कुछ लोगो ने इस्लाम कबूल किया ओर वो गाड़ो में शामिल हो गए सबूत के तौर पर आप वो किताब पढ़ सकते है ।

अगर कोई मिस्टेक हुई हो तो कमेंट में बता सकते हो ।