सदस्य:Devina Tiwari/प्रहलाद कक्कड़
प्रहलाद कक्कड़ <https://yourstory.com/2016/06/prahlad-kakar//> <http://www.livemint.com/Consumer/7f1FYbkGvpyHLt95GCtDSM/Ad-filmmaker-Prahlad-Kakkar-starts-branding-school.html/>
प्रहलाद कक्कड़ का जन्म २४ मार्च सन १९५०, में मुंबई में हुआ था। यह हिन्दुस्तानी विज्ञापन जगत के बहुत प्रसिद्ध निर्देरशक हैं। इन्के सबसे प्रसिद्ध कर्य में अमिताभ बच्चन तथा सचिन तेनदुल्कर के साथ पेप्सी के लिए किए गए टी वी विज्ञापन बहुत मशहूर हैं। कक्कड़ जी ने १९७१ में विज्ञापन जगत में कदम रक्खा था। जल्द ही सन १९७२ में प्रहलाद कक्कड़ ने श्याम बेनेगल के साथ काम करना शुरू किया। उन्होने बेनेगल साहब को अन्कुर, मन्थन और भूमिका जैसी महान हिंदुस्तानी चलचित्र में सहयोग दिया।
शुरुआती जीवन
संपादित करेंप्रहलद कक्कड़ का पाल्लन मुंबई में हुआ, उनके पिता फौज में थे। इस वजह से उनके पिता की पोस्टिग पाकिस्तान में हुई थी। उन्होने अपनी शुरुआती शिक्षा सेन्ट जोसेफ अकैडमी, देहरादून से प्राप्त की। सन १९६६ में वह सैनिक स्कूल, कुञपुरा,हरयाणा से अपनी शिक्षा समाप्त करने के बाद सन १९७० में उन्होने फेरगुसोन विश्वविद्यालय से अर्थरशास्त्र कि उपाधि प्राप्त की।
व्यकतिगत जीवन
संपादित करेंप्रहलाद कक्कड़ की पत्नी मिताली दत्त हैं। मिताली दत्त औफस्प्रिग और औफशूट चलचित्र कम्पनी की मालिक हैं। प्रहलाद जी के तीन बच्चे भी हैं, उनके नाम आरव, वरुन और अन्हजिन हैं। प्रहलाद कक्कड़ को बहुत चीज़ो में दिलचस्पी थी। जैसे किताब पढ़ना, स्कूबा डाइविंग, स्नौर्कलिग, तैरना, स्कुआश खेलना तथा घुड़सवारी। सबसे अचम्भित करने वाली बात यह है कि आज इस उमर में भी वह जीवन का खुल कर आन्नद लेते हैं। उन्का मन्ना यह है की किसी भी सुखी विवाह का रहस्य,पति- पत्नी के बीच का हास्य है। क्कड़ जी को खाने से अत्यन्त लगाव है, यहा तक की उनका मान्ना है की वह खुद आकर्शित नहीं दिखते इस वजह से वह खाना बनाते थे ताकि महिलाए उन्हे पसन्द करे।
साम्राज्य निर्माण
संपादित करेंप्रहलाद कक्कड़ ने सन १९७७ में जेनेसिस फिल्म प्रोडक्शन की खोज की। चलचित्र बनाने के प्रति प्रहलाद जी का जुनून असीमित है, यही वजह है कि इतने सालो में भी उनके पास दुनिया को बताने के लिए उन ३० पलो की अहमियत आज भी बहुत महत्त्वपूर्ण है। इतने वर्श में कई महान कॉर्पोरेशन जैसे नेसले, पेपसी, ब्रिटैनिया और कई अधिक कम्पनियो ने प्रहलाद कक्कड़ के द्वारा विज्ञापनो को दर्शक के सामने प्रस्तुत किया है। प्रहलाद जी का खुद पर विशवास तथा खुद के जुनून और दिलजस्पी को जगाए रखने के लिए उन्होने लक्षद्वीप में एक स्कूबा डाइविंग स्कूल का भी निर्माण सन १९९५ में किया है। इस स्कूबा डाइविंग स्कूल का नाम लाकाडाइव्स है जिसे कक्कड़ ने स्थानीय सरकार के सहयोग से शुरू किया था। इसके अलावा कक्कड़ कासा अमोरे नामक रेस्टोरेन्ट के मालिक भी हैं। जेनेसिस ने ही औफस्प्रिग और औफशूट प्रोडक्शन कम्पनी को जन्म दिया, जिस की अधिकारी उन्की पत्नी मिताली दत्त कक्कड़ हैं। हालाकि औफस्प्रिग और औफशूट प्रोडक्शन के प्रधान निदेशक कक्कड़ जी हैं।
पुरस्कार
संपादित करेंजेनेसिस को स्वर्ण तथा चांदी का पुरस्कार मिला है। १९९६ में पेपसी के विज्ञापन के लिए भी पुरस्कार मिला था। इसके अलावा, पबलिक फिल्म सीएट के लिए न्यूयॉर्क फेस्टिवल औफ एडवर्टाइज़िग में पुरस्कार मिला। कक्कड़ द्वारा निर्देशित विज्ञापन को लायन्स के लिए कैनीज़ में नामिनेट किया गया था। प्रहलाद जी को लाइफटाइम अचीवमेन्ट पुरस्कार सन १९९९ में IAAFA आईएएफए के द्वारा मिला था उनके २५ वर्श के काम के लिए। जेनेसिस को ब्रान्ड ईक्विटी द्वारा वर्श २००३ और २००४ में टॉप प्रोदक्शन हाउस का खिताब मिला।