सदस्य:Dr sushil devi/प्रयोगपृष्ठ
कौन कहां से आया हुं मैं इसका करो विचार> मालिक सोच समझकर बनना मिटे सकल तकरार>
जो तुम चाहो मदद अपनी खुद मददगार बनना होगा। आस पास के अगड पडौसी संग लेकर चलना होगा।
अपनी ज़ड उखाड्कर ओरों की जमा दे तू । अपने को मिटा प्यारे औरों को बना दे तू ॥
अपने दुख को सहन करो दूसरों का करो उपाय। योगी इसी का नाम है यही जीवन का दाव ।
आग्या ऐसा शब्द है जिसके अन्दर सब। इससे कुछ न्यारा है जिसे बतावें रब ॥
सच्चिदानन्द ब्रह्म सब को दे प्रकाश । सब दोषों को दूर करे बुद्दि का करे विकास॥