कौन कहां से आया हुं मैं इसका करो विचार> मालिक सोच समझकर बनना मिटे सकल तकरार>

                  जो तुम चाहो मदद अपनी खुद मददगार बनना होगा।
                  आस पास के अगड पडौसी संग लेकर चलना होगा।

अपनी ज़ड उखाड्कर ओरों की जमा दे तू । अपने को मिटा प्यारे औरों को बना दे तू ॥

                  अपने दुख को सहन करो दूसरों का करो उपाय।
                     योगी इसी का नाम है यही जीवन का दाव ।

आग्या ऐसा शब्द है जिसके अन्दर सब। इससे कुछ न्यारा है जिसे बतावें रब ॥

                                   सच्चिदानन्द ब्रह्म सब को दे प्रकाश ।
                                   सब दोषों को दूर करे बुद्दि का करे विकास॥