सदस्य:Falguni Jain D/प्रयोगपृष्ठ

मेरा नाम फाल्गुनी जैन है। मेरा जन्म २८ मार्च २००० मे हुआ था।अभी मै क्राइस्ट युनिवर्सिटी मे विज्ञान की शिक्षा प्राप्त कर रही हुँ।

पृष्ठभूमि संपादित करें

मेरा जन्म २८ मार्च २००० मे तमिलनाडू के पश्चिमी जिले ईरोड मे हुआ था।तमिलनाडू मे तमिल भाषा बोली जाती है, किन्तु मेरी मात्रु भाषा हिन्दी(मारवाडी) है। मेरा असल घर राजस्थान (फलोदी) है, किन्तु मैने अपना बाल्य-जीवन ईरोड मे ही गुजारा है और अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में आई हूँ। ईरोड मे हल्दी का बहुत बडा बाजार है।इस कारण इसे हल्दी का जिला भी कहा जाता है।इसके अलावा ईरोड केला ,नारियल और सफेद रेशम के लिये भी प्रसिध्द है।

परिवार संपादित करें

मेरे परिवार मे कुल ६ लोग है।मेरी माँ प्रमिला जैन जो एक गृहणी है।मेरे पिता धरमेन्द्र जैन जनकी संगमरमर,टाइल्स और ग्रेनाइटस की अपनी दुकान है। मेरी बहन हिमान्शी जैन जो अभी दसवीं की शिक्षा प्राप्त कर रही है। मेरे दो जुडवा भाई है जो आभी आठवीं की शिक्षा प्राप्त कर रहें हैं। मेरा यह परिवार मेरे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। सभी ने मेरे जीवन के हर पल मे मेरा साथ दिया है।

शिक्षा संपादित करें

मैने अपनी शिक्षा ईरोड के गीतांजली अखिल भारतीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्राप्त की थी। गर्व की बात यह है की मैं उस विद्यालय की प्रथम छात्रा हूँ। मैंनें अपनी पढाई केन्द्रिय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में की थी। अभी गणित-विज्ञान मे उच्च शिक्षा क्राइस्ट युनिवर्सिटी मे कर रही हूँ।

लक्ष्य संपादित करें

मेरे जीवन का लक्ष्य है की मै गणितण्य बनू। मेरी इच्छा है कि मैं एक गणितण्य बनकर अपने देश का नाम प्रसिध्द करुँ। गणितण्य रामानुजन को मैं अपने जीवन का आदर्श मानती हूँ और उन्ही की तरह गणित मे योगदान देकर अपने देश की सेवा करना चाहती हूँ।

उपलब्धियाँ संपादित करें

मैंने जीवन में कुछ उपलब्धियाँ पाई है जिस पर मेरे माता-पिता व समाज गर्व करते हैं। उनमें से कुछ हैं- १>दसवीं कक्षा की सी_बी_एस_ई बोर्ड परिक्षा मे १००% प्राप्त किया । २>बारहवीं कक्षा की सी_बी_एस_ई बोर्ड परिक्षा मे पुरे भारत में नौवां रेंक मिला। ३>अखिल भारतीय जैन सन्सकार वाटिका कि परिक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

मैं चाहती हूँ की मैं इसी तरह आगे बढती रहूँ ओर अपने माता-पिता ,परिवार ,समाज और देश का नाम उँचा करुँ।