डॉ प्यारा सिंह गील

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डॉ प्यारा सिंह गिल भारत के एसे वैज्ञानिक रहे है, जिन्होने भौतिक व कॉस्मिक किरणों के अनुस्ंधान मे भारत का नाम रोश्न किया। उन्होने अमेरिकन मेनहेतन पारियोजना के साथ काम किया। वह केंद्रीय वैज्ञानिक - यंत्र संगठन(भारत) मे पहले निद्रेशक रहे। उनिवरसीटि औफ छिकागो (१९४०) मे अध्येता रहे। वह टाटा इन्सटिठ्युट औफ फंड्म्नतल रिस्र्च(१९४७) मे अनुसंधान प्रोफेसरशिप के साथी रहे और् परमाणु ऊर्जा आयोग नई दिल्ली के साथ काम किया। उन्होने अपनें वैज्ञानिक जीवन में विभिन्न स्ंस्थानों में कायृ करके भारत के वैज्ञानिक कायृक्रमों को गति प्रदान की।

प्रारंभिक जीवन

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डॉ गिल का जन्म २८ अक्टोबर १९११ को होशियारपुर जिले (प्ंजब में) के चेला नामक एक छोटे से गाव मे हुआ था। उनके पिता श्री बस्ंत सिंह तथा माता श्रीमति प्रताप कौर थी। उनका परिवार आधुनिक सुखसुविधाओं से संपन्न था। उनके बडें भाई का नाम सरदार हरीसिंह "खान्दा" था, जो राष्ट्रीय आंदोलन की गतिविधियों को संचालित करते थे।