मेरा नाम हर्ष.एम.जैन है। मैं अठारह वर्ष का हुँ। मैं कर्नाटक के अधीन बेंगलुरु,भारत का रहने वाला हुँ। मैं क्राइस्ट यूनिवर्सिटी,बेंगलुरु मे बी.कोम के पेहले साल के पेहले सेमेस्टर मे हुँ। मैं अपनी रुचि,परिवर,लक्ष्य आदि से आपका परिचय कराना चाहता हुँ।

पृष्ठभूमि

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मैं कर्नाटक में स्थित बेंगलुरु नामक शहर में पैदा हुआ हुँ। लाल-बाघ,नंदि हिल्ल्स और कई स्थनों के कारण बेंगलुरु पृसिद्ध है। बेंगलुरु को सिलिकोन सीटी या गार्डन सीटी से भी जाना जाता है।

मेरे परिवार के मुख्य पिताजी है। उनका नाम महेश.कुमार.जैन है, वे पेशे से एक व्यापरी है। मेरी माता का नाम शारदा.एम.जैन है, वह एक घर प्रबन्धक है| मैं उनका इक्लौता पुत्र हुँ। मेरी एक छोटी बहन है जिसका नाम पूजा है, इस साल वह अपनी दसवी कि परिक्षा देगी। अक्सर लोग कहते हैं कि "छोटा परिवार,खुशी परिवार" और इस कहावत से मैं पूरी तरह से सहमत हुँ।

मैने अपनी दसवी तक की शिक्षा बेंगलुरु के बिशप कॉटन बॉय्स स्कूल में की थी। अपनी पी.यू.सी मैंने जैन कॉलेज के जे.सी रोड के ब्रांच से की थी और अब मैं क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में अपना बी.कोम पूर्ण कर रहा हुँ और यह यूनिवर्सिटी भारत के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से एक है।

रुचियॉंं

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मेरी कई रुचियॉं है। उनमे से शेष है गाने सुनना,पढ़ाई-लिखाई करना और व्यायामशाला तो बेहद पसंद है। खेल की बात करे तो मुझे तैराकी और कबड्डी में अत्यंत रुची है। मुझे टेक्नोलोजी में भी अत्यंत रुची है। नई टेक्नोलोजी के बारे में पढ़ना और उस पर जांच-पड़ताल करना मुझे बहुत पसंद है।

मेरी बारहवीं कक्षा तक मुझे कोई अंदाजा न था की मुझे क्या बनना है| बस यह था की मुझे पोलिस मैं ही कुछ करना था। कुछ दिन बाद मैंने निर्णय लिया कि मैं एक आई.ए.एस अधिकारी ही बनुंगा। मेरे इस निर्णय से मेरा परिवार सहमत और खुश है जिससे मुझे उनकी वजह से हिम्मत भी मिलती है और इस लक्ष्य को पाने के लिए मैं अपनी पूरी कोशिश करुंगा।

उप्लब्धियाँ

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मैंने अपने जीवन अवधि मैं कई नृत्य प्रमाणपत्र अर्जित किए हैं इसके साथ ही मैंने ग्रंथ, अबेकस, दौड़-प्रतियोगिता और तैराकी मैं भी अवल आकर इनमें प्रमाणपत्र अर्जित किये है। इसके साथ ही मैंने अंकित लगाने पर भी एक प्रमाणपत्र अर्जित किया है। क्राइस्ट यूनिवर्सिटी का छात्र होना, ड्राइवर लाइसेंस प्राप्त होना भी एक उप्लब्धि ही हैं। अपनी पी.यू.सी के बोर्ड परिक्षा में भी अच्छे अंक प्राप्त करने पर मुझे एक प्रमाणपत्र दिया गया और मुझे उम्मीद है कि आगे भविष्य में मुझे ऐसे और भी अधिक प्रमाणपत्र मिले जिससे मैं अपने आप,परिवार और विश्वविध्याल्य का नाम रोशन कर सकूँ।