सदस्य:Khushi h giriya/प्रयोगपृष्ठ

मेरा नाम खुशिह ह गिरिया ह । मैं कनाटक , भारत की रेहने वाली हूँ । मैं क़ाइस्ट यूनिवसिटी,बेंगलुरु मे बीकाँम में पहले साल के अपने पहले सेमेस्टर में हूँ । मैं अपनी पृष्ठभूमि , रुचियों , उपलब्धियों ,और अपने लक्ष्यों से अपका परिचय कराना चहती हूँ

मैनें अपने चीवन के शुश्वाती अठारह १८ वष बेंगलुरु मे बिताए है ।  

पृष्ठभूमि

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मैं बेंगलूर मैं पैदा हुई थी । भारत के राज्य कनाट्क की राजधानी है । बेंगलूर शहर कि जनसंख्या ८४ लाख है और इसके महानगरीय क्षेत्र की जनसंख्या ८९ लाख है , और यह भारत गणराज्य का तीसरा सबसे बडा शहर और पांचवा सबसे बडा महानगरीय क्षेत्र है । दक्षिण भारत में दक्कन के पठारीय क्षेत्र में ९०० मीटर की औसत ऊंचाई पर है । भारत के मुख्य शहरों में इसकी ऊंचाई सबसे ज्यादा है । मैनें अपने चीवन के शुश्वाती अठारह १८ वष बेंगलुरु मे बिताए है ।

मेरे पिता का नाम हेमन्त गिरिया है । वह पेशे से व्व्यापारी है । मेरी माँ , साविता गिरिय , एक गहिणी है और व्व्यापारी भि है । मैं अपने मता-पिता की एक लौती पुत्री हुँ । मेरा एक छोटा भाई है । मेरे मता-पिता की सबसे महत्तपूण सीख जीवन मे धैय रखना , दया करना और हर छोटी-बडी चीजो का सम्मान करना है ।

मैनें अपनी प्रारभ्भिक शिक्षा बेंगलूर के बल्द्विन गिर्ल्स हाइ श्कूल से प्राप्त की । और अब मैं क्राइस्ट यूनिवसिटी मैं भौतिकि,रसायन विज्ञान और गणित में भिकोम डिग्री की प्राप्ती कर रही हूँ। यह विश्वविधालय भारत में अग्रणी संस्थानों में से एक है और आमतौर पर सबसे शौक्षिक सवेक्षण में सर्वश्रेश्ठ में से एक के रुप में सूचीबध्द किया गया है।

मैँ जीवन के हर पहलू के बारे मे सकारात्मक हूँ। मुझे अभिनय, चित्र बनाना ,बास्केट बालॅ खेलना पसंद है । मुझे सब चीज़ो पर ज्ञान प्राप्त करना अच्छ लगता है ।

मैनें अगे अम- भि-ये करने का निणय किया है । उसके बाद कुछ अछि सी नोकरी करने क विचर है । मेरी यह मनोकामना है कि मै अपने पेरों पर खाडी राहू , अपना जीवन अपने हिसब से जीहु । अपने मता-पिता के लिये कुछ कर सकु । यह लक्ष्य है मेरा ।