डिजाइनिंग पर गणित का प्रभाव:

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यदि आप एक डिज़ाइनर से पूछते हैं कि क्या वे गणित में प्रतिभाशाली हैं, तो वह उत्तर के रूप में ना ही कहेंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि कलात्मक क्षेत्र के लोगों का यह मानना ​​है कि कला और डिजाइनिंग के लिए आवश्यक कौशल का गणितीय कौशल से कोई संबंध नहीं है। परंतु कलात्मक क्षेत्र के लोग यह महसूस करने में असफल होते हैं कि गणित डिजाइनिंग का एक अभिन्न हिस्सा है। क्योंकि लोग गणित का डिजाइनिंग पर प्रभाव महसूस करने में विफल रहते हैं यहाँ हमने गणित के कुछ अवधारणाओं को समझाया है जो डिजाइनिंग में लागू होते हैं। इस तरह हम डिजाइनरों को यह समझने में मदद करते हैं कि वे कैसे अनजाने में गणित का उपयोग कर रहे हैं।


गणित और डिजाइनिंग क्यों अलग लगते है ?

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गणित एक कला हैं। शायद गणित कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे आप आमतौर पर कला के साथ जोड़ते हैं। आखिरकार पारंपरिक बीजगणित, ज्यामिति, त्रिकोणमिति जो  स्कूल में सीखते है वह कला के आस-पास कहीं नहीं है। कला या डिजाइनिंग एक स्वतंत्र अभिव्यक्ति का एक रूप है, जहाँ कोई कठिन नियम नहीं लगाए जाते हैं पर गणित में कही कठिन नियम लगाए जाते है। इस कारण हमें गणित और डिजाइनिगं अलग लगते है। चाहे गणित और डिजाइनिंग कितने ही अलग विषय क्यों ना हों ,संयुक्त होने पर वे हमेशा आश्चर्यजनक परिणाम देते हैं।


गणित का डिजाइनिंग में उपयोग:

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पिरामिड में फाइबोनैकी अनुक्रम(सिरीज) का उपयोग।

गणित को सौंदर्य से प्रेरित कला के रूप में वर्णित किया गया है। गणित को संगीत, नृत्य, चित्रकला, वास्तुकला, मूर्तिकला और वस्त्र जैसे कलाओं में देखा जा सकता है। कला में बड़ी मात्रा में गणित शामिल है, जिसमें मापने और रेखाओं जैसी बुनियादी चीजों से लेकर फिबोनैकी अनुक्रम (फिबोनैकी सिरीज़), आंशिक (फ्रैक्टल), बहुफलक (पालिहीड्रन), सुवर्ण अनुपात (गोलडन रेशिओ),समरूपता (सिमिट्री) जैसे विषिय अक्सर गणित का उपयोग करके कला की जटिलताओं का वर्णन किया जा सकता है। ऐतिहासिक वास्तुकला जैसे कि पिरामिड और पार्थेनन में फाइबोनैकी अनुक्रम(सिरीज) का उपयोग होता है। यहाँ तक कि ऐप्पल कंपनी का लोगों भी फिबोनैकी सिरीज, गोल्डन रेशियो, वर्ग (स्क्वायर), वृत्त (सर्कल) और वृत्त- चाप ( आर्क्स ) का उपयोग करके बनाया गया था। अगर एक डिजाइनर को जीव विज्ञान की पुस्तक के लिए रेखा- चित्र बनाना हो तो उन्हें त्रिकोणमिति और कैलकुलस का ज्ञान होना आवश्यक है। क्रिस्टल, हिमकण (स्नोफ्लेक्स),रक्त कोशिकाएँ, फल, लहरें, पर्वत, पर्वतमाला, रेखाएँ, अनानास फल, पैटर्न कि डिजाइन करने के लिए फ्रेक्टल्स (आंशिक) का उपयोग किया जाता हैं। पालिहीड्रन (बहुफलक) का प्रयोग चित्रकला में किया गया हैं। प्लानर समरूपता का प्रयोग कलाकृतियाँ, कालीन, जाली और वस्त्र डिजाइन करने के लिए उपयोग किया जाता हैं। यदि आप अपने आस- पास देखते हैं तो डिजाइनिंग के स्तर में सुधार करने के लिए इन सभी विषयों का उपयोग दैनिक आधार पर किया जाता है पर हम इस पर ध्यान नहीं देते हैं।

इतिहास, गणित, डिजाइनिंग:

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लिओनार्दो दा विंची ने ज्यामितीय आकृतियों, चक्र और वर्ग का प्रयोग कर मोना लिसा का चित्र बनाया।

गणित का उपयोग न केवल हाली के दिनों में किया गया है, बल्कि दशकों पहले से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रसिद्ध कलाकारों और गणित का एक लंबा ऐतिहासिक रिश्ता है। कलाकारों ने ईसा पूर्व चौथी शताब्दी से गणित का उपयोग किया हैलिओनार्दो दा विंची ने ज्यामितीय आकृतियों, चक्र और वर्ग का प्रयोग कर मोना लिसा के चित्र कि रचना करी थी जो उल्लेखनीय है। पॉलिक्लिटोस एक प्रसिद्ध ग्रीक मूर्तिकार थे। वास्तव में, उन्हें व्यापक रूप से दुनिया भर के कई संग्रहालयों में देखी जाने वाली क्लासिक ग्रीक शैली मूर्तिकला के पिता के रूप में माना जाता है। उनका मानना ​​था कि मूर्तिकला में दिखाई देने वाले शरीर के सभी हिस्से एक दूसरे से स्पष्ट रूप से अलग होने चाहिए, और गणित का उपयोग कर अनुपात का ध्यान रखना चाहिए। इन कलाकारों के अलावा हमारे पास लुका पैसिओली, पिएरो डेलाफ्रांसेस्का ने गणित का उपयोग करके अपने चित्रों को विकसित किया था।





निष्कर्ष:

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प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा कला के कार्यों की सूची और गणित की भूमिका उनके कार्यों में स्पष्ट रूप से देखी गई है। हो सकता है कि जब हम उस कला को देखते हैं तो हमें  गणित के सूक्ष्म भूमिका का एहसास नहीं होगा, लेकिन यह तथ्य है कि गणित ने कला को सारी सुंदरता दी है और हमें इस सुंदरता कि तलाश करनी है

संदर्भ लिंक:

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