बिज़्नेस टुडे के ऑगस्ट संस्करण के एक आर्टिकल में काम करने के लिए कोम्पनयों के लोगों ने काम करने के लोगों के बारे में एक आर्टिकल था . इस संस्करण में कर्मचारियों को कंपनी के काम के ओर आकर्षित करने के बारे में भी एक बाग है जिस्मे वे यह बथाथे है, की आट प्रतिशत जान पहचान वेल लोगों के साथ काम करने के लिए कॉम्पलानियों को चुन्थे है. दस प्रतिशत लोगों वैश्विक या क्षेत्रीय ज़िम्मेधारी से की भीॉ कोम्पनियों को चुनते है ताकि उसे ज़्यादा एक्सपोषर मिल सके और उसे उस एक्सपोषर से बहुत ज़्यादा ही फ़ायधे बन सके और उसे उस कंपनी में ही न आयी बल्कि उसे और भी सारे कोमान्ययों के बारे में उनकी ज्ञान भी बाद जाए और उसे बाकी लोगों को भी सलाह दे सकते है. या भी कर्मचारी संतृस्ती के एक बाग हो जाती है क्यूंकी उसे संतृष्ट होने के लिए उसे यह न्ही होना ज़रूर होता है क्यूंकी अगर कोई आदमी एक चीज़ को चाहते है तो उसे जब वे पा सकते है तब ही वह खुश होंगे और ज़्यादा मेहनत भी करने के लिए उसे जो भी चीज़ चाहिए उस चीज़ के ओर ही उसका ज्ञान बाडेगा और वे संतृस्ट रहेंगे और उस कंपनी में आयेज भी काम करने के लिए चाहेंगे. प्रतिशत लोगों काम इसलिए बदलते है, क्यूंकी उसे कुछ और फंक्षनॅलिटीस में काम करने चाहते है. और इस तरह के लोग लोग बहुत ही ज़्यादा काम करते है और यह लोग बाकी लोगों की तरह नही होंगे क्यूंकी यह लोग बहुत ही कम कामचोर होंगे और यह सारे काम समय पर ही ख़तम कर धेते है क्यूंकी उसे बहुत ज़्यादा ज़िममेधारी में काम करने की आढ़त है. और इस तरह के लोगों को ज़िम्मेधारी और स्ट्रेस में करने से ही काम से संतृष्टि मिलेगी. उन्नीस प्रतिशत लोगों काम इसलिए बदलते है की उसे काम स्थान कभी कभी पसंद नही होता है और इसके वजह से वह काम को बदहलता रहता है. इसके कारण काम स्थान भी कर्मचारी संतृस्ती के एक कारण है. पैंतीस प्रतिशत लोगों काम इसलिए छोड़ धेते है क्यूकी कोम्पनी के नाम और शान से काम बदहलते रहते है. कोई लोग आइस भी होते है जो सिर्फ़ इस कारण से कोई कोम्पनी में काम करते रहते है. क्यूंकी उसे उस कोम्पनी में काम करने से उसे बहुत ज़्यादा फाय्दे होंगे और वह सिर्फ़ इसे कारानो से काम बदहलते रहते हैं या कोई और कोम्पनी में काम करने के लिए काम ढून्डता रहता है. च्यालिस प्रतिशत लोगों पड़ने के मौके के अनुसार काम को बदलते रहते है. यह तरह के लोगों तो पड़ने में उसे खूब मज़ा होता है और उसे सिर्फ़ पड़ने से ही काम करने के मान लगता है. अगर उसे पड़ने के मौके नही मिले तो वह उस कोम्पनी को छोड़ कर कोई दूसरे कोम्पनी में काम करने के लिए लग जाते है. पचास प्रतिशत लोगोने काम सिर्फ़ वेतन के अनुसार का को बदलते रहते है. उसे सबसे ज़्यादा मूल पैसे में ही धिकता है, इस तरह के लोग तोड़ा काम चोर भी होते है क्यूंकी उसे तो अंत में सिर्फ़ पैसे ही सबसे ज़्यादा आकर्षित करता है. इस लोगों को सिर्फ़ पैसे के कारण से ही काम करता रहता है.