सदस्य:Madhurika agarwal/प्रयोगपृष्ठ

मेरा नाम माधूरिका अगर्वाल है। मैं कर्नटका बेंगलुरू की रहने वाली हूँ। मैॱ अभी क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बेंगलुरू में बी.कॉम मेॱ पहमले साल केे पहले सेमेस्टर में हूँ।

मैं अपनी पृृष्ठभूूमि, परिवार, शिक्षा, रूचियाँ, उपलब्धियाँ, और अपने लक्ष्य के बारे में आपको परिचित कराना चाहती हूँ।

पृष्ठभूमि

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   मेरा जन्म गोलाघाट नामक जिले के एक छोटा सा गाँव नुमालीगढ़ मेॱ हुआ था। 
   यह जिला भारत के ईशान कोण में स्थितीत असम राज्य  की राजधानी
   दिसपुर से २४९ किलोमिटर की दूरी पर है। मैंने अपने जीवन के दस साल वहाँ
   बिताए है। असम, असम चाय और असम रेशम के लिए जाना जाता है।
      एशिया मे पहली बार तेल अच्छी तरह से ड्रिल किया गया था। राज्य ने एक
   विलूप्त भारतीय गैंडों को लगभग विलूप्त हो जाने से बचाया है। साथ ही जंगली 
   जल भैंस, पिग्मी हाॅग, बाघ और विभिन्न एशियाई पक्षी प्रजातियाँ को बचाया है।
   मेरे परिवार मे छः लोग है। मेरे पिता का नाम अरूण कुमार अग्रवाल है।
   और वे ग्रेनाइट का काम करते है। मेरी माता संगीता अग्रवाल एक गृहिणी है।
   मेरे दो छोटे भाई गोपाल और कृष्णा है। तथा एक छोटी बहन कनिका है।
   हम चारों भाई-बहन खूब मस्ती करते है। मेरे माता-पिता ने मुझे ह्मेशा
   सच बोलना, धैर्य रखना, दया-करुणा करना और दूसरोंअ की इज्जत 
   करना सिखाया है।
   मैनें अपनी प्राथमिक शिक्षा असम के क्रिस्टो ज्योति स्कूल से प्रात्प की।
   बाद मे उच्च प्राथमिक शिक्षा बेंगलूरु के नवोदय स्कूल से प्राप्त की।
   मैनें अपनी पी.यू.सी श्री साईराम काॅलेज से उत्तीर्ण किया। और अब मैं
   क्राइस्ट यूनिवर्सिटी,बेंगलूरु मे बी.काॅम पढ़ रही हूँ। यह विश्वविय्धालय
   भारत के शीर्ष और सर्व श्रेठ निजी विश्व्विय्धालय मे से एक है।
   मैं जीवन के विभिन्न पहलुओं का अनुभव करना चाहती हूँ। मुझे
   पढ़ना, लिखना, यात्रा करना और नृत्य करना बहुत पसंद है।
   मेरे लिए नृत्य करना अपने आप को खुश रखना की तरह है। और
   मैं नैई चीज़ों के विषय मे ज्ञान प्राप्त करना चाहती हूँ। और मुझे
   खरिदारी करना बहुत पसंद है।

उपलब्धियाँ

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   मैनें अपने जीवन मे कई अलग-अलग लक्ष्यों को हासिल किया है।
   मेरी कुछ उपलब्धियाँ:
    *मुझे अपने स्कूल मे सर्वश्रेष्ठ छात्र का पुरस्कार मिला था।
    *मुझे मेट्रिक मे ९६% मिलने पर स्वामी विवेकानंद समिती
     ने सम्मानित किया था।
    *पी.यू.सी मे मुझे ९८% मिलने पर तालुक पंचायत ने नकद
     इनाम से सम्मानित किया था।
    *और क्राइस्ट युनिवर्सिटी का छात्रा होना।
   मुझे यह सारी उपलब्धियाँ आगे बढ़ने मे प्रेरित करती है।
    मुझे चार्टर्ड एकाउंटेंट बनना है। और मुझे टाटा समूह के
    उय्धोंगों के लिए कार्य करना है। और गरीब बच्चों के लिए
    मुफ्त पाठशाला खोलनी है और उन्हें शिक्षा प्रदान करनी है।