सदस्य:Manasa08/प्रयोगपृष्ठ
मेरा नाम मानसा है। मैं अट्ठारह साल कि हुँ। मेरा जन्मदिन ८ अगस्त को है। मेरी मातृभाषा तेलुगु है। मेरा जन्म चेन्नई में हुआ था। मैं क्राइस्ट विश्वविद्यालय, बंगलौर की छात्रा हुँ।
पृष्ठभूमि
संपादित करेंमेर जन्म चेन्नई में हुअ था। चेन्नई भारतीय राज्य तमिलनडु की राजधानी हैं। चेन्नई भारत का पाँचवा बड़ा नगर तथा तीसरा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। चेन्नई अपनी संस्कृति एवं परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। तमिलनाडु भारत का एक दक्षिणी राज्य है। तमिलनडु की क्षेत्रीय भाषा तमिल हैं। मैं चेन्नइ में दस सल रेहती थी। मैने पाचँवी कक्षा से बंगलौर मेंन पढी थी। बंगलौर मेरा घर जैसा बन गया है। बंगलौर कर्नाटक राज्य की रजधानी है। कर्नाटक दक्षिण भारत का एक राज्य है। मेरे परवरिश दक्षिण भारत के अमीर कल्चर और विरासत से काफी प्रभावित है।
परिवार
संपादित करेंमेरे परिवार में, मेरे सहित चार लोग हैं- मेरे पिता, मेरे माँ, मैं और मेरे छोटी बहन। मेरे पित और उन्के परिवार तमिलनडु की एक नगर वेल्लोर से हैं। मेरी माँ कि परिवार आन्ध्र प्रदेश से हैं। उन्के शादी चेन्नई मैं हुई थी। मेरे परिवर के सदस्य तमिल्नडु, आन्ध्र प्रदेश और कर्नाटक के रज्यों मे रहते हैं।
शिक्षा
संपादित करेंमैने अपना शिक्षा सल २००२ में शुरु कि थी। मैने ६ सल 'पाठशला' नामक विध्यालय में पढी थी। उसके बाद एक साल 'हरि श्री विध्यालया' मे पढी थी। उसके बाद मैने अपने पढाई बंगलौर में की थी। दस्वी कक्षा तक मैने 'विब्ग्यॉर हाई' मे पढी। उसके बाद मैने अपना बारहवी 'दीक्षा मिराण्डा' से वाणिज्य स्ट्रीम में प्रप्त की। अब मैं क्राइस्ट विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र, गणित और सांख्यिकी की दिग्री कर रही हुँ।
रुचियाँ
संपादित करेंमुझे पढने का बहुत शौक है। मैं एक साल में लघभघ ४० किताबें पढती हुँ। किताबों के अलावा मुझे गाना सुन्ना भी बहुत पसंद् है। मुझे कम ज्ञात संगीत पसंद है। अधिकतर मैं कोरियाई संगीत सुन्ती हुँ। इस्के कारण मै अब कोरियाई भाषा सीख रही हुँ।
लक्ष्य
संपादित करेंमेरा लक्ष्य अर्थशास्त्र में शोध करना।मैं इस देश के लिए कुछ करना चहती हुँ। इसलिए मैं अर्थशास्त्र पढकर अपना देश को बहतर बनना चहती हुँ। मुझे यकीन है कि मैं किसी न किसी तरह अपने देश में बदलाव ला सक्ती हुँ।
उपलब्धियाँ
संपादित करेंमुझे बचपन में किताबें पढने के लिय मुझे बहुत सारे प्रमाणपत्र मिला। रिले दौड मे मैं दूसरे स्थान आयी थि। बारहवी कक्षा में मुझे अपने विध्यालय में दूसरा रैंक मिला।