रितु रानी
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जन्म २९ दिसंबर, १९९१
हरयाणा
राष्ट्रीयता भारतिय
पेशा फील्ड हॉकी खिलाड़ी
कार्यकाल २००६ से
प्रसिद्धि का कारण भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान

रितु रानी भारत की एक महिला फील्ड हॉकी खिलाड़ी है। उन्का जन्म दिसंबर २९,१९९१ को हरयाणा में हुआ था। भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान थी। वह टीम में हाल्फ़बेक के स्थान में खेलती थी। रानी ने २०१४ एशियाई गेम्स में कांस्य पदक जीतने के लिए टीम को आगे भढाया। २०१६ में उनको हॉकी के लिए अर्जुन पुरस्कार मिला। छोटी उम्र मे ही रितु रानी ने बहुत सारे उपलब्धियाँ पायी और अपने टीम के साथ भारतिय महिला हॉकी खेल की इतिहास बदली।

व्यक्तिगत जीवन

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रितु रनी २९ दिसंबर, १९९१ को हरयाणा के शाहाबाद मारकंडा में हुआ था।शाहाबाद चंडीगढ़ से ७५ कि मि दूर की एक नगर हैं। रनी ने अपने पढाई श्री गुरु नानक देव सीनियर हायर सेकेंडरी स्कूल से किया हैं। ९ साल से ही वह हॉकी की अभ्यास करने लगी। वह शाहाबाद मारकंडा की शाहाबाद हॉकी अकादमी मे ट्रेनिंग ले रही थी।

शाहाबाद एक मामूली सी नगर थी जहाँ कुछ खास नही थी। कई सालों से इस नगर से प्रतिभाशाली महिला हॉकी खिलाडी राष्ट्रीय टीम मे खेल रहे हैं। २००९ के चैंपियंस छैलेंज II टूर्नामेंट में शामिल भारतिय हॉकी टीम में रानी के साथ चार और शाहाबाद के लड़कियाँ थे, जो हैं- सुरिंद कौर, रानी रामपाल, जसदीप कौर और जोयदीप कौर।

रितु रानी ने १४ साल की उम्र में अपनी अंतरराष्ट्रीय हॉकी खेल की शुरुआत की।

२०१४ तक वह भारतीय रेल में काम कर रही थी, जिसके बाद वह हरयाणा पुलिस में अभ्यास करने लगी। २०१६ की एक इंटरव्यू में उसने भारतिय महिला खिलाडीयों के वैकल्पिक नौकरी के अवसर के समस्या के बारे में बात कि और बताइ कि सरकार में इन महिलाओं को नौकरी नही मिलती है और इसके कारन वे बेरोज़गार रह जाते हैं।

हॉकी में योगदान

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२००६ की एशियाई खेल, दोहा उसकी पहली अंतरराष्ट्रीय खेल थी। २००६ के मैड्रिड में आयोजित महिला वर्ल्ड कप, के टीम में भी वह थी और वह टीम में सबसे छोटी भी थी।

२००९ के रूस में हुई चैंपियंस छैलेंज II टूर्नामेंट में भारतिय हॉकी टीम ने जीता। इस टूर्नामेंट में रितु ने सबसे ज़्यादा गोल डाले है और इसके लिए पुरस्कार भी मिला। इस टूर्नामेंट के बाद उसे २०११ मे टीम कप्तान बनाया। रितु की कप्तानी में २०१३ की कुआला लुम्पुर मे हुई एशियाई कप टूर्नामेंट में तीसरी आये। २०१४ के एशियाई खेल में भी भारतिय हॉकी टीम ने तीसरी स्थान पयी। २०१५ में २०१४-१५ महिला एफआईएच हॉकी वर्ल्ड लीग के दूसरे भाग में भारतिय तीम ने जीत लिया। हॉकी वर्ल्ड लीग के सेमिफाइनलज में भारत ने जापान को भी हराया। इस लीग में वे पांचवीं स्थान पर आ पहूंचे।

इस टूर्नामेंट में टीम के प्रदर्शन को देखकर भारतिय हॉकी टीम को २०१६ की रियो के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक मे खेलने की अवकाश मिला। यह भारत के लिये एक बहुत गर्वकार बात है। ३६ वर्ष के बाद भारतिय महिला हॉकी टीम को यह अवसर मिल। इसके पहले १९८० की ओलंपिकस में भारतिय महिला हॉकी टीम ने खेला।

उपलब्धियों

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आज तक रानी ने लगभग १४० अंतरराष्ट्रीय खेल खेली हैं और ५० से भी ज्यादा गोल किए हैं। उसने भारत हॉकी में बहुत जानी पहचानी है। अन्य खिलाडियों के लिय वह प्रेरणास्रोतिक भी है। २०१६ में हॉकी में उन्के भारी योगदान के लिए अर्जुन पुरस्कार मिला।

[1] [2] [3]

  1. https://en.wikipedia.org/wiki/Ritu_Rani
  2. https://www.sportskeeda.com/hockey/interview-with-ritu-rani-must-improve-penalty-corner-conversions
  3. http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=149084