मेरा नाम मनोज्ञा चंद्रिका मट्टा है। मैं विजयवाड़ा,भारत की रेहने वाली हूँ। मैं क्राइस्ट यूनिवर्सिटी,बेंगलूरू में सि.ई.पि में पहले साल के अपने पहले सेमेस्टर में हूँ। मैं अपनी पृष्ठभूमि,परिवार,शिक्षा,रूचियोँ,लक्ष्य और उपलब्धियोँ से आपको परिचय करवाना चाहती हूँ।

पृष्ठभूमि

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मैं आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा जिला के विजयवाड़ा नामक शहर में पैदा हुई थी। यह शहर आंध्र प्रदेश के नई राजधनी क्षेत्र अमरावती से पांच किलोमीटर कि दूरी पे हैं। इस शहर में मैंने अपने जीवन के पहले सत्रह साल गुज़ारे हैं। विजयवाड़ा को आन्ध्र प्रदेश का वाणिज्यिक राजधनी माना जाता हैं। यह शहर उसके दुर्गा माता के मंदिर के लिए प्रसिध्द हैं।

मेरे परिवार में चार लोग हैं। मेरे पिता,रविकुमार,एल.आई.सी में काम करते हैं। मेरी माता,ग्रिशिलडा, सरकारी पाठशाला में अध्यापिका का काम करती हैं। मेरी एक बड़ी बहिन हैं जो मुझसे सात साल बड़ी हैं। उनका नाम जेसिका हैं और वो एन.आई.टी वरंगल में एम.बि.ए के तिसरे सेमेस्टर में पढ रही हैं। हम चारो एक दूसरे के बहुत करीब हैं।

मैं ने अपने बाल विहार से दसवीं कक्षा तक विजयवाड़ा के अटकिंसन हाई स्कूल में किया था।उसके बाद मैं ने अपनी ग्यारहँवीं और बारहवीं कक्षाएँ विजयवाड़ा के मारिस स्टेला कॉलेज से किया था। अब मैं क्राइस्ट यूनिवर्सिटी मे सि.ई.पि में पहले साल के अपने पहले सेमेस्टर मे पढ रही हूँ। आर्टस कि पढाई के लिए भारत में से सबसे अति उत्कृष्ट विश्वविद्यालयो में से यह एक है।

मेरी रूचि भिन्न प्रकार के हैं। मुझे सिक्को का संग्राह करना पसंद है। प्रदर्शण करना भी मुझे पसंद है। मैं पुराने गानों को सुनने और पुराने फिल्मो को देखने मे दिलचस्ती दिखाती हूँ। नयी चीज़ों के बारे में ज्ञान प्राप्त करने से मुझे अच्छा लगता है। मैं मिडीया और उसके अनेक विशेषताओं के बारे में सीखना चाहती हूँ।

मैं मिडीया के क्षेत्र मे सफ़ल होना चाहती हूँ और एक प्रतिष्ठित मिडीया संगठन के लिए काम करना चाहती हूँ। विज्ञापन में मैं रूची रखती हूँ और विपणन भी मुझे पसंद है। मैं अपने भविष्य में कुछ हासिल करने के लिए दृढ़ हूँ।जो भी करू बस अपने माता पिता को मेरे उपलब्धियों से खुश करके,उनहे गर्व बनाना चाहती हूँ।

उपलब्धियाँ

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हर इंसान कि तरह मैं ने भी अपने जीवन में कुछ प्राप्त किया है। यह उपलब्धियां मुझे जीवन में आगे बढ़ने की हिम्मत देती है। मेरी जिंदगी में सबसे बडी चार उपलब्धियां हैं। १ मुझे एक अंतर्राष्ट्रीय टि.ओ.ई.एफ.एल माक टेस्ट में ८७ वां रैंक मिला था। २ मैं स्कूल और कॉलेज जिवन में समूह की गतिविधियों की नेता थी। ३ मुझे क्राईस्ट यूनिवर्सिटी में दाखिला मिला है। ४ मुझे कीबोर्ड बजाना आता है। ये उपलब्धियां मुझे जिवन में संतुष्टि देती हैं और भविष्य में और भी अधिक हासिल करने के लिए मुझे प्रोत्सहित करती हैं।