सदस्य:Mansi Goyat/प्रयोगपृष्ठ

मेरा नाम मान्सी गोयत है| मै हरियाणा , भारत की रहने वाली हूँ| मैं क्राइस्ट यूनिवर्सिटी , बेंगलुरू में बीकोम ओनर्स के पहले साल के पहले सेमेस्टर में हूँ | मैं अपने जीवन से और उससे जुडे अनुभवों से आपका परिचय कराना चाहती हूँ |

पृष्ठभूमि

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मैं भिवानी नामक एक छोटे से जिले में पैदा हुई थी | यह जिला उत्तर भारत में हरियाणा राज्य की राजधानी चंडीगढ से लगभग २५० किलोमीटर की दूरी पर है | मैनें अपने जीवन के शुरुवाती २ साल हरियाणा में बिताये हैं जिसके बाद मेरे पिताजी के तबादले के कारण हमें दिल्ली जाना पडा | दिल्ली में हम ५ साल रहे जिसके बाद फिरसे पिताजी के तबादले के कारण हम बेंगलुरू आ गये |

मेरे पिताजी का नाम अशोक कुमार गोयत है | वह पेशे से कंप्युटर इंजिनियर है | मेरी माँ, शीतल गोयत पेशे से बी जी एस नेशनल पब्लिक स्कूल में हिन्दी अध्यापिका हैं | मेरा एक छोटा भाई भी है जिसका नाम अदित्य गोयत है | वह बी जी एस नेशनल पब्लिक स्कूल में दसवीं कक्षा का छात्र है | हम दोनो खूब लडते-झगडते रहते हैं परन्तु एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं | मैनें अपने जीवन में अच्छे काम करने और सच्चाई के मार्ग पर चलने की शिक्षा अपने माता-पिता से प्राप्त की है |

मैनें अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के बनस्थली पब्लिक स्कूल से प्राप्त की | तीसरी से दसवीं कक्षा की पढाई मैनें बेंगलुरू के बी जी एस नेशनल पब्लिक स्कूल से की | वाणिज्य स्ट्रीम में मुझे रुची थी जिस कारण ग्यारहवीं कक्षा में मैनें लेखाकर्म, अर्थशास्त्र, व्यापार एवं गणित जैसे विषय चुने | अब मैं क्राइस्ट युनीवर्सिटी में वित्तीय लेखांकन, व्यापारी कानून एवं व्यापारिक वातावरण जैसे विषयों को बीकोम ओनर्स डिग्री की प्राप्ति के लिये पढ रही हूँ | वाणिज्य के क्षेत्र में यह विश्वविद्यालय पूरे भारत में दूसरे स्थान पर आता है | उत्कृष्टता एवं सेवा को हमारे विश्वविद्यालय में विषेश महत्व दिया जाता है |

मैनें अपनी रुचियाँ किसी एक क्षेत्र में सीमित नहीं रखी | खेलकूद के क्षेत्र में मुझे वालीबाल, बैडमिंटन, टेबल टेनिस जैसे खेल प्रिय हैं | इसके अलावा मुझे नाच-गाना, किताबे पढना, कविताएँ बनाना, वाद-विवाद प्रतियोगिता में भाग लेना, अलग-अलग प्रकार के व्यंजन बनाना, भाशण देना आदि भी पसंद हैं | मेरी रुचि नई चीजों के विषय में ज्ञान प्राप्त करने मे भी है |

मेरे जीवन का मुख्य उद्देश्य तो अपने माता-पिता को खुश रखना और उनका नाम रौशन करना है | इसके अतिरिक्त मैनें चार्टर्ड एकाउंटेंट बनने का निर्णय लिया है | एक अव्वल दर्जे की नौकरी करने के कुछ सालों बाद मैं खुद का एक कारोबार शुरु करना चाहती हूँ | मैं इन पैसों के साथ गरीब एवं लाचार लोगों की सहायता कर उनकी दुआएँ भी पाना चाहती हूँ |

उपलब्धियाँ

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जब भी मैं अपने अलग-अलग प्रतियोगिताओं में जीते हुए प्रमाण-पत्र और ट्रोफी को देखती हूँ तो अपने आप को गौरांवित महसूस करती हूँ | इनमें से मुख्य है दसवीं कक्षा का मेरिट प्रमाण पत्र एव्ं ट्रोफी जो मुझे भारत सरकार द्वारा दी गयी है | मै अपने विद्यालय की सबसे छोटी उम्र की खेल छात्राध्यक्ष भी रही हूँ | मै अपने हुनर और मेहनत से इन उपलब्धियों कि सुची को बढाती जाऊँगी |