सदस्य:Mehvishkhan/प्रयोगपृष्ठ
मेरा नाम मेहविश खान हैं। में राजहमहेन्द्रवरम , भारत की रहने वाली हूँ। में क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु में बी ए (ईपीएस) में पहले साल के पहली सेमेस्टर में हूँ । में अपनी पृष्ठभूमि , रुचियो , उपलब्धियों और अपने लक्ष्यों से आपका परिचय करना चाहती हूँ।
पृष्ठभूमि
संपादित करेंमैं पूर्व गोदावरी जिले नामक एक छोटे से जिले में पैदा हुई थी। यह जिला भारत के राज्यो में एकदम दक्षिण पश्चिम में स्थित आंध्र प्रदेश, राजहमहेन्द्रवरण के उत्तर पूर्वी भाग में है। मैने अपने जीवन के १७ वर्ष राजमहेन्द्रवराम में बिताए हैं। यह शहर कपड़ा व्यवसाय , फर्नीचर निर्माण और अन्य चीज़ों केलिए प्रसिद्ध हैं।
परिवार
संपादित करेंमेरे पिता का नाम मोहम्मद बाबर अली खान हैं। वह पेशे से इंजीनियर हैं। वह ओएनजीसी कंपनी में डीजीयाम हैं। मेरी माँ, अनीसा खान गृहिणी हैं। मेरी बड़ी दीदी, शहनाज़ खान अभी इंजिनीरिंग पढ़ रही हैं। मेरे माता-पिता की सबसे महत्वपूर्ण सीख जीवन मे आत्मविश्वास रखना , दृढ़ता होना ,समय को महत्व देना, सबका आदर और सम्मान करना हैं।
शिक्षा
संपादित करेंमैंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजमहेन्द्रवराम के ओकवुड स्कूल से प्राप्त की। और अब मैं क्राइस्ट यूनिवर्सिटी मैं अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, नागरिक शास्त्र में बीए डिग्री की प्राप्ति केलिए बेंगलुरु में स्थानतरित हो गई हूँ। यह विश्वविद्यालय भारत के अन्य प्रसिद्ध संस्थानों में से एक है। यह संस्थान बोहत जानी मानी है कि हर एक छात्र यहाँ से अपनी डिग्री लेना चाहता हैं।
रुचियाँ
संपादित करेंमुझे नई चीज़ों को सीखने की दिलचस्पी होती है। मुझे हर तरह की किताबें पढ़ना, नृत्य करना, चित्रकारी करना, नाटक में हिस्सा लेना पसंद हैं। मेने २ तेलुगु भाषा के शार्ट फ़िल्म किये हैं। मुझे नई चीजों की खोज करना और साहसिक चीज़े करना अच्छा लगता है।
लक्ष्य
संपादित करेंमेरा यह लक्ष्य है कि में भारत की एक प्रमुख और निष्ठावादी ऐपीएस अफसर बनु। मेरा मानना यह है कि जबतक आप मेहनत नही करते या आप उस चीज़ को पाने की ठान ना लो वो लक्ष्य आपको कभी प्राप्त नही होगा। ज़िन्दगी में एक और लक्ष्य है मेरी की में मेरे माता-पिता की सबसे अच्छी और सच्ची बेटी बनु और मुझपे उनको गर्व हो सके।
उपलब्धियाँ
संपादित करेंकहते है कि जब जीवन मे हर समय मे माता-पिता का साथ हो थो आप कुछ भी हासिल कर सकते हो। मेरे जीवन मे मेने हो कुछ भी हासिल किया है वह श्रेय उन्ही को जाता है। •मैं थ्रोबाल में जिला स्तर की खिलाड़ी रह चुकी हूँ। •मैं राइफल शूटिंग में अपने विद्यालय में अव्वल आयी थी। •मैं अपनी विद्यालय की सांस्क्रुतिक सचिव थी। •मेने अपने दसवीं कक्षा कर अंतिम परीक्षा में १० सीजीपीए लायी थी।