सदस्य:Nidhi1997/प्रयोगपृष्ठ
[[File:|220px|निधि]] निधि | |
नाम | निधि |
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लिंग | लड़की |
जन्म तिथि | २३/०८/१९९७ |
देश | साँचा:Country data भारत् |
नागरिकता | भरतीय |
शिक्षा तथा पेशा | |
पेशा | छात्र |
नियोक्ता | - |
शिक्षा | 1st साल की डिग्री |
विश्वविद्यालय | क्राइस्ट यूनिवर्सिटी |
शौक, पसंद, और आस्था | |
शौक | तैराकी |
धर्म | हिन्दु |
राजनीती | स्वतंत्र |
सम्पर्क विवरण | |
ईमेल | starfire4427@gmail.com |
मेरि रुचि - हर एक छात्र को बहुत से विशय पढने पडते हैं। मैं भी अपने पाठयक्रम के सभी विशय पढतीं हूॅं। लेकिन कंप्यूटर मेरा सबसे प्रिय विशय है।
बाचपन से ही मुझे कंप्यूटर जे बारे में अधिक जानने की जिज्ञासा रही है। आज का युग विज्ञान का युग है। भारत में अब कंप्यूटर का उपयोग बहुत होने लगा है। इस्लिये मैं कंप्यूटर के बारे मै बहुत ध्यान लगाकर पढ़ती हूँ। घर पर मेरा अपना मल्टीमीडीया कंप्यूटर है। खाली समय को भी मैं कंप्यूटर के साथ बिताती हूँ। में इस पर इंटरनेट का भी उपयोग करती हूँ। में अपने जीवन मे एक कंप्यूटर विशेषज्ञ बनना चहती हूँ। कंप्यूटर को आज अंतरिक्ष विज्ञान, पर्यटन,यातायात, शासन, इंजीनियरिंग, औद्योगिक, शिक्षण,समाचार प्रसार, चिनेम, क्रीडा आदी क्षेत्रों में तथा बैंकों मे, होटेलों में और बडी-बडी दुकानों में उपयोग किया जा रहा है। कंप्यूटर में विशय संग्रह करके, उससे हम अपने सवालों का उत्तर प्राप्त कर सकतें हैं। कंप्यूटर संग्रहित विशयों के आधार पर भूत,वर्तमान,एवं भविष्यक्र रहस्यों क पता लगा सकते हैं।
मेरि लक्ष्य - इसलिए में बीसीए कोर्स करना चाहती हूँ। बीसीए का मतलब हैं कंप्यूटर के स्नातक। ये 3 साल स्नातक डिग्री कोर्स मेरे जैसे छात्रों के लिये कम्प्यूटर भाषाओं जो जानना चाहतें हैं उन के लिये हैं। मुझे कुछ प्रतिष्ठित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में बीसीए कोर्स की दाखिला लेने के लिए एक प्रवेश परीक्षा लेना पडेगा। इस कोर्स में डिग्री पाने के बाद मेरे लिऐ दो अवसरों हो सकते हैं। या तो में जानकारी-व्यवस्था जैसे सॉफ्टवेयर कंपनियों में नौकरी के लिए जा सकती हूँ जैसे, टीसीएस, गूगल, टेक-महेंद्र, विप्रो, इंफोसिस। दूसरा अवसर येह होगा के मैं बीसीए के बाद एमसी कोर्स मैं करूँ। यह कोर्स कर्ने से मेरे बायोडाटा मे और अधिक मूल्य मिलेगा। मैंने ये निश्चय किया है के मैं एमसी कोर्स करूँगी।
सारे सनसार मे शायद ही कोई ऐसा इन्सान बचा होगा जो किसी न किसी रूप से कंप्यूटर या उससे होने वाले कामो से न जुड़ा हो। आज कल जो कंप्यूटर नहिं जानता हो उसे निरक्षर कहा जाता हैं। पेह्ले सिर्फ इंग्लिश जानने वाले ही कंप्यूटर कोर्स कर सक्ते थे अब हम कंप्यूटर को पूर्णताः हिंदी मे इस्तेमाल कर सकते है। इन्ही काराणो के वजह से मे अपनी कंप्यूटर कोर्स करने की आकांक्षा पूरी करना चहती हूँन।