PDRatnesh :- report on corona in India

क्या आप जानते हैं? इस टाइम पर क्रोना से भी खतरनाक क्या है भारत के लिए? जी हां भारत के लिए इस टाइम सबसे खतरनाक जो है वह भूख है। भारत जैसे इतनी विशाल आबादी वाले देश में अगर क्रोना 10 गुना तेजी से फैल सकता है तो जरा सोचिए अगर भुखमरी फैलने लगी तो क्या होगा? जी हां भारत में इतनी आबादी है कि हर किसी को बिना ब्लॉक डाउन का उल्लंघन किए बिना भोजन तक नसीब नहीं होगा ऐसे में भारत और चाइना जैसे बड़े-बड़े आबादी वाले देशों में ज्यादातर लोग जहां पर भूखे पेट सोने को मजबूर होते हैं अगर ब्लॉक डाउन लगातार इसी तरह चलता रहा तो जिन लोगों को एक टाइम की रोटी तक नसीब नहीं होती जरा सोचिए उनका क्या होगा ? ऐसे में क्रोना से ज्यादा लोग तो भूख से मर जाएंगे। अगर खाद्य और रसद की आपूर्ति भारत में बंद हुई तो मौतों का आंकड़ा इतना बढ़ जाएगा कि हमारे लिए आंकड़ा लगा पाना नामुमकिन होगा कि कितने लोग भूख की वजह से मर गए और यह पता लगाना भी मुश्किल होगा कि वह लोगों की मौत भूख की वजह से ही हुई हैं या फिर उनको कोई बीमारी हो गई यह पता लगाना भी मुश्किल होगा कहीं वह लोग कोरना से तो ग्रसित नहीं थे ऐसे में भारत के सामने चौतरफा मुसीबतें खड़ी हो जाएंगी अब डिसाइड हमें करना है कि भारत में लगातार ब्लॉक डाउन चलता रहेगा या फिर लोगों को उनकी जरूरत की चीजें मुहैया कराई जाएंगी अगर लगातार ब्लाकडाउन चलता रहा तो खाद रसद और जरूरी चीजों की कमी से मौतों का आंकड़ा इतना बढ़ जाएगा कि हमारे लिए आंकड़ा लगा पाना नामुमकिन होगा । भारत जैसे इतनी बड़ी आबादी वाले देश में जहां पर एक सामान्य स्थिति में हर जगह रसद और जरूरी चीजों की सप्लाई आसानी से नहीं हो पाती है ऐसे में जब ब्लॉक डाउन पूरे देश में लागू हो गया तो क्या जरूरी चीजों की सप्लाई बंद नहीं होगी। अगर जरूरी चीजों की सप्लाई बंद नहीं भी होती है तो उनकी सप्लाई में कमी जरूर आएगी ऐसे में जरूरी चीजों के मूल्य में इतनी वृद्धि हो जाएगी कि गरीब आदमी के लिए खरीद पाना मुश्किल होगा । ऐसे लोग जरूर जरूरी चीजों को नहीं खरीद पाएंगे और वह भूखे पेट सोने को मजबूर हो जाएंगे या फिर ब्लॉक डाउन का उल्लंघन करते हुए अपने काम पर जाएंगे और अपने पेट के लिए जरूरी काम करेंगे ताकि उनका पेट भी शाम को भर सके। भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश में जहां गरीब से लेकर अमीर तक हर तरह के लोग रहते हैं ऐसे देश में जहां पर कई घर ऐसे हैं जहां पर सामान्य स्थिति में चूल्हे तक जलना नसीब नहीं होते हैं वहां क्या ब्लॉक डाउन में चूल्हे जल पाएंगे ऐसे में वह लोग भूख की शिकार हो जाएंगे और उनकी मौत भी हो सकती है अब हमारे सामने दिक्कत इस बात की है कि हम उन लोगों का पता कैसे लगाएंगे कि वह लोग भूखे पेट सोने को मजबूर हैं जी हां हमें उन लोगों का पता लगाना है जो लोग भूखे पेट सोने को मजबूर हैं और आपको उनकी बहुत नहीं तो थोड़ी सी मदद करनी होगी। ताकि उनको क्रोना से भी और भूख से भी बचाया जा सके क्योंकि भारत जैसे देश के लिए हर एक व्यक्ति का जीवन जरूरी है। आप लोगों से उम्मीद है कि आप लोग मेरी बातों को ऐसे लोगों तक जरूर पहुंचाएंगे ऐसे लोगों की मदद जरूर करेंगे जो लोग भूखे पेट सोने को मजबूर हैं या फिर जो लोग दूसरों को खाना खिला कर मदद करना चाहते हैं जी हां भारत में अगर आप दूसरों की मदद करते हैं तो इससे बड़ी बात और क्या होगी और यह लड़ाई अकेले एक इंसान की नहीं है इस लड़ाई में सब को एक दूसरे के साथ खड़े रहना है एक दूसरे की मदद करना है बस एक दूसरे को छुए बिना दूर-दूर से ताकि आप भी स्वस्थ रहें और लोग भुखमरी जैसी किसी समस्या का शिकार नहीं क्योंकि सबका जीवन जरूरी है। भारत में अगर भूख की वजह से मौतें होने लगी तो इसे कब्जे में करना मुश्किल होगा। हमारे देश में जहां सिर्फ 1 दिन के लिए पब्लिक कर्फ्यू का एलान होने से जरूरी चीजों के मूल्य की इतनी वृद्धि हो गई की हमारे लिए जरूरी चीजें लगभग 5 से 10 गुना ज्यादा मूल्य पर बिकने लगी। ऐसी में अगर यह कर्फ्यू जो सिर्फ 21 दिनों के लिए लगा है वह अगर और ज्यादा दिनों के लिए लगता है तो जो खाद्य पदार्थ लगभग 5 से ₹10 के बीच में मिलते थे वाह 50 से ६० के बीच में मिलने और हर किसी को अपने बजट में खरीद पाना मुश्किल होगा जो लोग सो रुपए मैं पूरा एक हफ्ता गुजार देते थे वह लोग आज ब्लॉक डाउन की वजह से लगभग 500 से ₹600 1 हफ्ते के लिए अपने पास रखते हैं ताकि उन्हें जरूरी चीजें उनके खरीद दाम पर मिल सके यह किसी मूल्य मैं 5 से 6 गुना की वृद्धि है अगर यही हालात आगे तक रहे तो कहना जरूरी होगा की हमें सतर्क रहना होगा आगे की हालात के लिए हमें तैयार रहना होगा आगे करो ना जैसी ही महामारी भुखमरी से लड़ने के लिए भारत ही नहीं यह पूरे विश्व में एक बहुत बड़ी मौतों का आंकड़ा लेकर आएगी हालाकी मौतों का आंकड़ा क्रोना के पीछे छिपा दिया जाएगा लेकिन यह कहना किसी के लिए भी मुश्किल होगा कि कितनी मौतें कोरना से हुई हैं और कितनी मौतें भुखमरी से हुई है। भारतीय गवर्नमेंट के आगे दो मुसीबतें खड़ी हैं एक है क्रोना और दूसरी है भुखमरी दिक्कत या है की हर एक निचले व्यक्ति तक जरूरत की चीजें उसके घर से निकले बिना उसे कैसे मोहिया कराई जाए। कोरना की वजह से पूरे दुनिया के शेयर मार्केट और पूरी दुनिया के प्रोडक्शन मार्केट पर भारी गिरावट आई है ऐसे में जरूरी चीजों के उत्पादन में कमी हुई है जिस वजह से जरूरी चीजों के मूल्य में भारी मात्रा में वृद्धि होना लाजमी है यह कहना मुश्किल नहीं होगा की क्रोना से निजात मिलते ही किसी और बीमारियां महामारी का शिकार पूरा विश्व हो जाएगा यह सब कुछ हुआ है तो इसका जिम्मेदार केवल वा केवल पूरे विश्व में बढ़ रही इंसानी जनसंख्या है अगर इंसानों ने अपनी जरूरत के लिए पेड़ों को काटा होता जानवरों को ना खाया होता तो कोरना जैसे किसी वायरस का शिकार ना होते। अभी क्रोना से निजात मिली भी नहीं की खबर आ रही है की एक और वायरस जिसका नाम हंता है वाह अटैक करने के लिए तैयार है कोरना जैसे इस वायरस का भी कोई इलाज संभव नहीं है।

वायरस की तो बात छोड़ो खबर यह भी लग रही है की 29 मार्च से 31 मार्च के बीच एक उल्कापिंड पृथ्वी पर गिरने वाला है हालांकि इस तथ्य का कोई भी वैज्ञानिक साक्षी सामने नहीं आया है यह एक महज अफवाह भर है। यह बात सच जरूर है की एक उल्कापिंड पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा जिसकी वजह से पृथ्वी पर 1.5 रिएक्टर स्केल का भूकंप आएगा जो ना के बराबर है इस तरह के भूकंप से ना ही डरने की जरूरत है और ना ही इससे कोई नुकसान होने की संभावना है आपके लिए जरूरी यही होगा कि दूसरों को अफवाहों से बचाएं और खुद भी अफवाहों से दूर रहें।

दूसरों के पास जाने से बचें दोस्तों से मिलने से बचें रिश्तेदारों के घर जाने से बचें मार्केट में टहलने से बचे और हमेशा मुंह पर मास्क लगाकर रखें और साबुन से हाथ धोते रहें किसी भी चीज को छूने से बचें हमेशा स्वस्थ रहें अपना ख्याल रखें अपनों का ख्याल रखें एक दूसरे से कम से कम १.5 मीटर की दूरी बना के रखें और नहाते रहे हर जरूरी चीज का जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल करें ताकि वह आपको लगातार सुविधा देते रहें अन्यथा जरूरत की चीजें इतनी महंगी हो गई हैं की आपको खरीद पानी में बेहद तकलीफ होगी इसलिए हर चीज का सही और जरूरी इस्तेमाल ही करें कोई भी चीज इस समय आपके लिए बेकार और फालतू नहीं है पानी को भी बचा कर रखें अन्यथा अभी आप क्रोना से लड़ रहे हैं बाद में आपको प्यास से लड़ना पड़ेगा यह करोना से भी बड़ी दिक्कतें आपके सामने पैदा करेगी इसलिए हर चीज का सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही इस्तेमाल करें। आप स्वस्थ हैं तो देश स्वस्थ हैं या मैसेज सभी को भेजिए सभी को सलाह दीजिए वह बाहर ना डालें और दूसरों से मिलने से बचे रिश्तेदारों के घर जाने से बचे मार्केट में टहलने से बचे "सिर्फ एक ही काम करें और सिर्फ एक ही काम करें अपने ही घर में रहे और अपने ही घर में रहे" यह भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी के शब्द हैं और हमें लगता है की उनकी सलाह और आदेश को हमें मानना चाहिए और भारत के एक कोरना से लड़ने के प्रभावशाली कदम पर हमें अपने देश के प्रधानमंत्री जी का साथ देना चाहिए और दूसरों के भूख से लड़ने में एक दूसरे की बिना छुए मदद करनी चाहिए। ताकि भारत कोरना से भी बड़ी महामारी भुखमरी का शिकार ना हो जहां दूसरे देशों की बात करें तो ज्यादातर देश कोरना से लड़ रहे हैं लेकिन हमें कोरना के साथ भुखमरी से भी लड़ना पड़ेगा यह एक सच्चाई है हमारे देश की क्योंकि हमारे देश में सच बोलने वाले बहुत कम है जिसकी वजह से आज उन्हीं के सामने उन्हीं के पेट की समस्या खड़ी हो गई है या वही लोग हैं जो या तो झूठ बोलकर कहीं पैसे कमाने के लिए रुके थे या जो ट्रेन बस या रोड पर भीख मांगते थे वही लोग हैं लेकिन है तो हमारे देश के नागरिक ही इसलिए हमें आज उनकी मदद करनी चाहिए।

धन्यवाद।  
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