कोरियाई कला अधिकतर बौद्ध धर्म और कन्फूसियस से प्रभावित है जो कि यहां कि पारम्परिक चित्रकला, मूर्तिकला और ऐतिहासिक मिट्टी के बर्तनो मे झलकती है। यहां कि मृदभांडो पर कि जाने वाली कलाकृतिया और चीनी मिट्टी कि कला जैसे जोसन काल के 'बैक्जा' और बर्तनो मे कि जाने वाली बोंचेओंग कला, इसके बाद गोरियो के काल को कोरियाई कला का विपुल काल माना जाता है इस काल कि कला विश्व मे कोरिया को एक अलग पहचान दिलाती है। हलाकि यहां कि कला उत्तर कोरिया और चीन से मेल खाती है