मै ........., छोड़िये भी | यहाँ, मेरे नाम से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि यह अधिक प्रभावशाली नहीं है | मैंने अपने जीवन के २० वर्ष पूरे कर लिए है | मैं भदोही से हूँ, जो पूरी दुनिया में अपने वस्त्र निर्यात के लिए जाना जाता है। मेरे पास अपने बारे में बताने के लिए कोई और अधिक सामग्री नहीं है, क्योकी मै अभी खुद को भी अच्छी तरह से कोशिश कर रहा हूँ, और यह कोशिश ताउम्र चलाती रहेगी | मेरा जन्म सन 1993 की 17 जुलाई को हुआ। मेरा 40 से अधिक सदस्यों का एक संयुक्त परिवार है। मेरे परिवार के ज्यादातर सदस्य घर में ही रहते हैं। लेकिन, मैं पिछले 2 से 3 साल अपने चाचा के साथ मुंबई में रहता हूँ। मैंने सन 2014 में कानपुर विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई अंग्रेजी साहित्य से पूरी की | मैं मेरे वित्तीय कारणों से अपना अध्ययन जारी नहीं रख सका। मेरे पिता एक संतुष्ट इंसान है और जिन्दगी को अपनी शर्तो पर जीने वाले इंसान है | मेरी माँ जो बहूत ही नेकदिल और बेइंतहा प्यार करने वाली महिला है, उन्होंने हमारे लिए, हमारी खुशियों के लिए अपनी करोणों इच्छाओं का गला घोट दिया | वह हमेशा खुश दिखने की कोशिश में रहती है, लेकिन उन्हें डर है की कोई उनकी आँखों में छुपे दर्द को देख ना ले | मेरे दादाजी जो मुझे सबसे ज्यादा समझाने और प्यार करने वाले इंसान थे | वही एक ऐसे व्यक्ती है जिनसे मै सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ हूँ और उन्ही के जैसा बनना ही मेरी जिन्दगी का मकसद है, और कोई ऐसा नहीं है जिसे मै समझता हूँ और जहां तक मेरा मानना है कोई भी मुझे नहीं समझता है | फिर मिलूंगा अगले पड़ाव पर जहां मै कोशिश करूंगा जिन्दगी को अपनी नजरो से देखने की | आप सभी का स्वागत है मेरे साथ इस कहानियों और कविताओं के सफर में जहाँ आप पढ़ सकेंगे मेरे कुछ विचार, मेरे जीवन की कुछ घटनाएँ, और कुछ मुद्दे जो शायद हमें सोचने पर मजबूर करदे. मै अपने इस साहित्यिक सफर में ब्लॉग के माध्यम से आप सभी को मेरी सोच और दॄष्टिकोण से अवगत कराऊंगा, और आप सभी से उचित मार्गदर्श की अपेक्षा रखता हूँ.मेरे मन में जो भी भावनायें आती है या जो भी मै महसूस करता हूँ, मै अपने विचारो से सबको अवगत कराने का प्रयत्न करता हूँ, मै ऐसा नहीं कह रहा हूँ के मै लेखक या कवि हूँ, बस जो सोचा लिख दिया. अगर आप सभी को मेरा प्रयत्न अच्छा लगा तो थोड़ी खुशी मिलती है।

मेरी पहली पुस्तक "मेरे मन की" ऑनलाइन गाथा के द्वारा प्रकाशित हुआ है|