सदस्य:Rohanrenukappa/WEP 2018-19
यह सदस्य विकिपरियोजना क्राइस्ट विश्वविद्यालय का हिस्सा है।. |
व्यक्तिगत जानकारी | |
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जन्म |
१९४९ जयापुर कलान |
खेल | |
देश | भारत |
खेल | खिलाडी |
प्रतिस्पर्धा | डेकाथलन |
उपलब्धियाँ एवं खिताब | |
ओलम्पिक फाइनल | मुंचेन ओलंपिक खेलों |
विजय सिंह चौहान
संपादित करेंविजय सिंह चौहान भारत की उन उत्कृष्ट खिलाडियों मे से है जिन्होने भारत के लिए अनेक पदक जीता है। उन्हें १९७२ में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
निजी जीवन
संपादित करेंविजय सिंह चौहान का जन्म २१ जनवरी, १९४९ में उत्तर प्रदेश के जयापुर कलान नामक गाँव में हुआ था। उन्होनें अपनी प्रारंभिक शिक्षा मध्या प्रदेश में और उच्च शिक्षा ग्वालियर के जिवाजी विश्वविद्यालय में किया। उन्होनें कानपुर विश्वविद्यालय से एम ए की उपाधी प्राप्त की।
खेल कूद
संपादित करेंविश्वविद्यालय के दिनों से ही वे भाला फेंक और ४०० मीटर दौड की अनोखा मेल से प्रारंभ किया और बाद में दुसरे खेलों में प्रयास किया। अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिता की अनेक खेलों में स्वर्ण पदक पाने के बाद उन्हें श्रेष्ठ खिलाडी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वे अपने विश्वविद्यालय से खिलाडी दल के कप्तान रहे ।[1] उन्होने डेकाथलन १९७०, १९७१ और १९७२ में व्यक्तिगत रिकॉर्ड बनाकर खूब नाम कमाया। राष्ट्रीय स्तर में नाल कमाने के बाद उन्होनें अडिंबर्ग की कॉमनवेल्थ खेलों में भाग लिया जहा चोट लगने की वजह से उसे बीच में ही छोडना पडा लेकिन कुआला लुम्पुर की एशियाई एथलेटिक मीटिंग में ११० मीटर और डेकाथलन में उन्होने स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
जरमन की म्यूनिख ओलंपिक मै उन्होनें १३२ खिलाडियों में से १७ स्ठान प्राप्त किया जो अभी तक किसी भरतीय खिलाडी ने नहीं किया। १९७४ की तेहरान एशियाई खेलों में ररिकॉर्ड तोडकर स्वर्ण पदक प्राप्त करने के भाद उन्हें १९७२ से १९७४ तक एशिया का सर्वश्रेष्ठ एथलीट के नाम से जाना गया।[2]
उपलब्धियों
संपादित करेंउनके कैरियर की प्रारंभ मे ही उन्हें 'शारीरिक क्षमता ड्राइ' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। वे उत्तर प्रदेश सर्कार के लिए उप निदेशक, संयुक्त निदेशक और निदेशक रहे। उन्के किताब, 'खेल और खिलाडी' के लिए उन्हे राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। उन्हें १९७२ में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।