सदस्य:Sanoli Brishti Chowdhury/WEP 2018-19
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
संपादित करेंमेजर जनरल मोहम्मद अमीन नायक एसएम का जन्म २५ सितंबर १९५३, पुलवामा जिले के दादासारा गांव, जम्मू-कश्मीर मे हुआ था | वह एक भारतीय सेना अधिकारी थे और दिसम्बर १९७४ में भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स में कमीशन किए गये थे | उन्होंने बिस्को स्कूल में पढ़ाई की और अमर सिंह कॉलेज श्रीनगर में कॉलेज किया | वह १९ जनवरी १९७३ को १९ साल की उम्र में, भारतीय सैन्य अकादमी में शामिल हो गए थे | Something went wrong...अंगूठाकार|M A Naik]]
सैन्य व्यवसाय
संपादित करेंनायक ने डिजाइन इंजीनियर और गैरीसन अभियंता, पूर्वी नौसेना कमान, विशाखापत्तनम मे सेवा किया था | वे सेना के मुख्यालय में जनरल स्टाफ अधिकारी, डीडीजी पीपीओ, अतिरिक्त महानिदेशक व्यक्तिगत व्यक्ति इंजीनियरों थे और वे मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ के साथ एकीकृत रक्षा 'TRIDOC' के सहायक प्रमुख भी थे | वह ३० सितंबर २०११ को सेवानिवृत्त हुए |
खेल कैरियर
संपादित करेंनाइक एक चैंपियन रोवर थे | उन्हें रोइंग में उनकी उपलब्धियों के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था | उन्होंने १९८२ एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता और उन्हें राष्ट्रीय चैंपियनशिप में ८ स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक मिले थे | उन्होंने रोइंग में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में दो स्वर्ण, एक रजत और कांस्य पदक जीते भी थे |
संदर्भ
संपादित करें[1]Mohammed Amin Naik
अगस्टे कॉम्टे
संपादित करेंअगस्टे कॉम्टे का जन्म जनवरी १९, १७९८ मोंटपेलियर, फ्रांस मे हुआ था | उनके माता और पिता अपरिवर्तनवादीक रोमन कैथोलिक्स थे | उन्हके पिता एक मामूली आधिकारिक, क्षेत्रीय कर कार्यालय मे काम करते थे | व तेरह साल की उम्र में उन्होंने अपने माता-पिता की मान्यताओं को खारिज कर दिया, और अपनेआप को स्वतंत्र विचारक और रिपब्लिकन माना | कॉम्टे की प्रारंभिक शिक्षा एक बुजुर्ग शिक्षक के साथ थी और नौ साल की उम्र में उन्होंने एक स्थानीय आवासीय सैन्य स्कूल में दाखिला लिया | कॉम्टे एक शरारती पर शानदार बच्चा था जिनके अध्यापको उस्से भहुत प्यार करते थे और वह स्मृति से पाठ के लंबे पृष्ठों को दोहरा सकता था | वह फ्रांस में सबसे प्रतिष्ठित स्कूल में अपनी पढ़ाई शुरू करने के लिए बहुत छोटे थे इसलिए उन्होंने एक वर्ष गणित में अग्रिम पाठ्यक्रम और शिक्षण किया | वह अधिकार को सवाल पूछने के कारन मुसीबत मे पर जाता था | १८१५ में उन्हें एक अधिकारी के साथ उची बात करने के लिए स्कूल द्वारा कैद किया गया था | अप्रैल १३, १८१६ में एक घटना के कारण उनकी औपचारिक शिक्षा समाप्त हो गई और वे पेरिस से प्रतिबंधित हो गए थे | लेकिन वह जुलाई १८१६ में पेरिस लौट जए | १८१७ मे कॉम्टे को सेंट साइमन के साथ मुलाकात हुइ जो कॉम्टे से चालीस साल के बरे थे | वे उनके सचिव और सामान्य सहायक थे | लेकिन १८२४ मे उन दोनो के बिच विवाद हुआ और वे अब एक-दूसरे के साथ काम नहीं करते थे | कॉम्टे ने १८२४ में कैरोलिन से शादी की लेकिन समस्या के कारण वे १८४१ में तलाकशुदा हो गए १८२६ में उन्होंने सार्वजनिक व्याख्यान लिखना शुरू किया जिसे 'पॉजिटिव फिलॉसफी' नाम दिया गया और १८३० , १८३५, १८३८ १८३९, १८४१ और १८४२ को प्रकाशित हुआ था | १८४४ में वह क्लोटिल्डे के साथ प्रफुल्ल बन गया और उसकी मृत्यु के बाद वह टूट गया था | सितंबर य५, १८५७ को अगस्त कॉम्टे का मृत्यु हो गया |