भारत 321 इसा पूर्व 16 महाजनपद में बता हुआ था। जिसमें मगध एक महत्वपूर्ण महाजनपद था। जिसपर एक वंश चला।जिसे हर्यक वंश कहते है।हार्यक वंश का संस्थापक बिम्बिसार था।बिम्बिसार ने कई महा जनपदों के जीता था। इसने अंग के शासक भ्रमदत्त को युद्ध में हराया था तथा कौशल के शासक प्रशन्नजित को उसकी बहन कौशला से शादी करके अपना अधिकार क्षेत्र में मिला लिया था। प्रशन्नजीत ने बिम्बिसार को काशी महाजनपद भेट स्वरूप(दहेज)में दिया था । बज्जी नामक महाजनपद में लिच्छिवी वंश एक महान वंश चलता था।जिसका शासक चेटक था । चेटक की एक बहन चेल्लना थी जिसकी शादी बिम्बिसार से हो गई। उपरोक्त घटनाओं के कारण बिम्बिसार पर राज्य खोने का डर समाप्त हुआ। एक महान शासक चंडप्रत्योध ,अवनति का शासक,था।जिससे बिम्बिसार बहुत ही डरता था परन्तु एक बार चंडप्रत्योध बीमार हो गया ओर उस समय बिम्बिसार का राज वैद जीवक हुआ करता था।जीवक ने चंडप्रत्योध की जान बचा ली था बिम्बिसार का चंसप्रत्योध भी मित्र बन गया।ओर चंडप्रत्योध का डर भी बिम्बिसार के ह्रदय से निकाल गया। तो इसप्रकार बिम्बिसार ने अपने राज्य का विस्तार किया। Source https://comeias.com/