सदस्य:Satyamkiwi/प्रयोगपृष्ठ

नमस्कार,

    मेरा नाम सत्यम कुमार है|मै क्रास्ट उनिवेर्सीटि का छात्र हु|मै यहा पत्रकारिता की पदाई कर रहा हु|वास्त्विक्ता यह है कि मै एक सदाहरनण से शहर मे रहने वाले एक सदाहरण से परिवार का हिस्सा हु|मैने शिर्फ असहनियता देखी हि नही बल्कि महसुस भी की है| इसने मुझे इस पदाई को चयन करने के लिये उतेजित किया है|हर मनुस्य के जैसे मुझमे भी कुछ अच्छाईया एव कुछ बुराईया है|मै आपके समक्छ चन्द शब्दो मे इसका वर्णन करने जा रहा हु|
   मै इक सज्जन व्य्क्ति हु|मै परिश्रमी भी हु|अपनी कटिण परिश्रम के तदपश्चात ही मेने काफी सफलताअओ को हासिल किया है|मेरा परिवार बहुत अच्छा है|मेरे अब तक के सफर मे मेरे परिवार एव मुख्य रुप से मेरे पिता जी का बडा योगदान है|उन्होने हर कदम पे मेरा समर्थन किया है|उन्होने हर कदम पे मेरी इच्छाओ को अपनी जिम्मेदारी समझी एव पुर्न्रुपेन मुझे मेरी जिन्द्गी के फैसले लेने की अजादी दी|मै अपनी छोटी आऊ मे तेज तरार नही बल्कि कम समझदार बच्चो कि गिनती मे आता था|छठी कछा के उपरान्त मेरे जीवन मे काफी बदलाव आए|उस बदलाव मे पहले तो बस अन्धेरे की एक मोटी परत ने मानो जैसे चारो ओर अपने प्रकोप की छतरी बना रखी हो|परन्तु उसके बाद जो उजाले की किरण ने अन्धेरे पे जो अपना वर्चस्प दिखाना शुरु किया फिर हमने कभी पिछे मुड के नही देखा|

पिता जी ने हमारा नमान्कन काफी अच्छे विधालय मे काराया,जहा हमने सैनिक स्कूल की तैयारी की|नवमी कछा मे हमने सैनिक नमान्कन परिक्छा मे उतिर्ण किया(जो कुछ लोगो के हिसाब से एक बहुत बडी सफलता थी,परन्तु हमारे ख्याल मे यह एक बडे सफर की शुरुआत एव हमारी पहली सफलता थी)।इस नयी दुनिया ने हमे एक नयी जीवन दी|अब हम सम्भल रहे थे|हमने पडाई शुरु की,हमारे अन्दर भिन्न-भिन्न चिजो की जिग्ज्ञासो का प्रवाभ होने लगा,अब हमारे पास अपना एक लझ्य था| आगे के रास्ते मे हमने आश्वस्त,विश्वास,अच्छा व्यक्तित्व,साहस,ईमानदारी आदि को भी पाया|मैने सच्चाई के साथ खडा होना,बुराई के खिलाफ लडना,सिर्फ खुद के लिय नही दुसरो के लिय भी कदम बडाना ईन योग्यो को भी अपनाया|इस तरह से मैने अपने वर्तमान व्यक्तित्व को बनाया,और आज भी मै उन गुणो को सञो कर रख रखा हु|