मेरा नाम स्मिता है। मेरा जन्म उत्तर कन्नड़ के एक हलियाल नामक तालुक मे हुआ, लेकिन मेरा पालन -पोशन बैंगलुरु मे हुआ। मैं एक मध्यवर्गीय परिवार से हूँ। मैं अपने माता-पिता की लौती संतान हूँ और वह मुझे बहुत प्यार करते हैं। कुच वर्षो तक मेरा पालन-पोशन मेरे दादा -दादी ने गाव मे किया, फिर मैं अपनी आगे की शिक्षा प्राप्त करने के लिये अपने माता -पिता के पास कर्नाटक की राजधानी बैंगलूरू आई। मै अब उन्नीस साल कि हूँ। मैं अभी स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हूँ। मैं अपने जीवन में बहुत पढ़ना चाहती हूँ। मुझे आगे पढ़ कर मनोविज्ञानी बनना का मेरा लक्ष्य हैं , मनोविज्ञानी बन कर मैँ कई जन की सहायता करना चाहती हूँ। मुझे पढ़ने के साथ-साथ ओर भी कई इच्छाए है, जैसे कि मुझे गाना गाना, गाने सुनना, नृत्य सीखना, और कहानियाँ या उपन्यास पढ़ना बहुत पसंद है। जब मैं पाठ शाला में थी तब अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया करती थी मुझे जीवन में बहुत कुछ पाने का जस्तबा हैं। मेरे माता –पिता मुझे पढ़ने के लिए बहुत मेहनत करते है। वह मेरी माता एक विध्यालय में अध्यापिका है जो बच्चों को पढ़ती है, और मेरे पिता एक नही कई कॉलेजों में पराध्यापक के तौर पर पढ़ते हैं। मेरे माता-पिता दुसरे दुसरे धर्मो से हैं इसिलिय में भी दोनों धर्मों का पालन करने की कोशिश करती हूँ और हम सब घर मे भी दोनों का पालन करते है। मैं अपने माता –पिता का बहुत आदर सम्मान करती हूँ। मुझे खाना खाना बहुत पसंद हैं, खास कर के जो मेरी माँ ने बनाया हो। मैं अनेक प्राणियों से बहुत प्यार करती हूँ। मं समाज सेवा में विश्वास रख थी हूँ।