सदस्य:Smrithy.r.sunil/प्रयोगपृष्ठ
मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से मेरा नाम "स्मृती आर सूनील" हैं। मेरा जन्म ०४ जून १९९७ बंगलौर,कर्नाटक में हुआ था। मैं केरल से हुँ। मेरी मात्र भाषा मलयालम हैं। मेरे सभी रिश्तेदारों केरल में रहता हैं, पर मेरा बचपन और शिक्षा बंगलौर में से हैं। मैं क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में पढ़ती हु। मैं अपना माता-पिता और बहन के साथ रहती हुँ। हम चार एक परिवार की तरह रहते हैं। हम सरल और बहुत ही साधारण लोग हैं। मेरे पिता की उम्र 50 है और वह एक पर्यवेक्षक है और ईनफन्ट ट्रावेल्स के लिए काम करता हैं। मेरी माँ की उम्र 48 है और एक गृहिणी हैं। मेरी बहन एक अंतरराष्ट्रीय बैंक के लिए काम करती हैं।
मेरा इस भूमी में आने पर सबसे खुश मेरा परिवार था। एक वर्ष के लिए मैं केरल मे थी। जब मैं एक साल कि थी मैं अपने गाँव केरल में थी। मेरे बचपन अद्भुत था। मैं एक शरारती लड़की थी।मेरा परिवार मेरी शरारत पर हँसते थे। मेरी पापा-माँ कभी भी मेरे शरारत के कारण या वजह से मुझ पे नही चिल्लाया। सब मुझेसे बहुत प्यार करते थे। दादी का लाड़ प्यार और दीदी के साथ खुब सारे मस्ती एसा मानो कि हम पक्षी है जो खुले हवा में उड रहे हैं। बचपन में बहुत सारे तुलसी खाती थी। अपना बचपन का खेल बहुत ही अच्छा था। मैं अपने बहन के साथ लुकाछिपी खेलति थी। मेरे बचपन में मैं केरल के प्रसिद्ध समुद्र तटों और मंदिरों का दौरा किया। बंगलौर के लिए वापस आने के बाद मैं 'प्रसिद्ध विधान सौध' और प्रसिद्ध 'मैसूर महल' का दौरा किया। मैं जब ढाई साल की थी तब मैंने अपने पहला विधालाय जाना शुरु किया। मेरी माँ मेरे पहले शिक्षक है और उन्होने मुझे मेरा पहली सीख दी कि कैसे बदों का आदर करना हैं। मेरे इस सीख के बाद जब मैं चार साल कि थी मैंने प्राथमिक विद्यालय जाना शुरु किया। मेरी विधालाय के नाम "आर्मी पब्लिक स्कूल" हैं। "सीबीएसई पाठ्यक्रम"। यह बंगलौर में हैं। मेरे स्कूल सुंदर देखता हैं। एक बड़ा फुटबाल मैदान,क्रिकेट का मैदान है और एक बास्केट बॉल कोर्ट है और बहुत से पेड़ हैं। मैं अपना एल के जी से दसवी कक्षा तक इसी स्कूल में पढ़ती। मैं बहुत हि सहमी थी। सातवें कक्षा तक मैंने 'अंग्रेजी','हिंदी','गणित','विज्ञान','कंप्यूटर विज्ञान' और 'सामाजिक विज्ञान' का पदाई किया। मैं सारे शिक्षकों का बहुत आदर और समान करती थी। मेरी सबसे पसंदीदा विषय "कंप्यूटर" विज्ञान था। मेरे दसवें बोर्ड परीक्षा के लिए मुझे ८५% मिला। यह मेरे सबसे यादगार दीनों में से हैं। इस विधया मंदिर ने मुझे सब कुछ सीखा दि जैसे अनुशासन,भावनाओं,समय की पाबंदी के बारे में सीख दी। घर के संसकार के साथ साथ ही मेरी विधालय ने मुझे एक सच्चा और ईमानदार ईनसान बनाया। फिर आपने पूर्व विश्वविद्यालय के लिए मैंने बंगलौर के प्रसिद्ध और सम्मान कॉलेज में दाखिला किया,"ज्योति निवास प्री युनिवर्सिटी कॉलेज,बैंगलोर"। मेरा मुख्य विषयों 'भौतिक विज्ञान','गणित','रसायन विज्ञान' और 'इलेक्ट्रॉनिक्स' थे। इस विद्याय मंदीर ने मुझे सोचने और समझने कि शक्ति दी। मेरे जीवन का सबसे मुख्य परिक्षा,पूर्व विश्वविद्यालय परीक्षा में मुझे ८०% मिला। मेरे स्नातक स्तर की पढ़ाई भारत के सबसे प्रसिद्ध विज्ञान विश्वविद्यालय में दाखिला किया। वह भारत में विज्ञान,कला,वाणिज्य और कानून में शीर्ष १० में स्थान दिया गया था । २०१४ में भारत आज रैंकिंग में क्राइस्ट यूनिवर्सिटी बीबीए, कानून में कला में ६,४विज्ञान में और ४ वाणिज्य में और १२ वीं में १ स्थान पर रहीं। यह बंगलौर में सबसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालय हैं। विभिन्न समुदाय के लोगों को यहाँ पर देख सकते हैं। इस विश्व विद्याय मंदीर का नाम "क्राइस्ट यूनिवर्सिटी" हैं। यँहा के तौर तरीके बहुत ही अलग हैं। मेरा मुख्य विषयों "कंप्यूटर विज्ञान","गणित","इलेक्ट्रॉनिक्स","अंग्रेजी" और "हिंदी" हैं। मुझे कंप्यूटर विज्ञान बहुत ही पसंद है। मैं कंप्यूटर विज्ञान और इलेक्ट्रॉनिक्स के व्यावहारिक विश्लेषण के लॉजिक्स समझते हैं। इसी कारण से मैंने इस कोर्स लिया। इन विषयों के अलावा हम समग्र शिक्षा के विकास के बारे में भी हम पदते हैं। मैं अपने पहले सेमेस्टर समाप्त हो गया। मुझे 75.2% मिला। इस विद्याय मंदिर में मुझे औरे बदना है। इस विश्वविद्यालय ने मुझे मेरी पहचान दी हैं। मेरी सबसे बड़ी महत्वाकांक्षा किसी के रोल मॉडल के रूप में अपने आप को बनाने के लिए है। जब मैं स्कूल में था, तब मैं कई पुरस्कार/उपलब्धियों जीते थे। खेल और सांस्कृतिक कलो में मैंने बहुत सारे पुरस्कार जीते हैं। मैं "१०० मीटर दौड़,बास्केट बॉल और खो-खो" के लिए "स्वर्ण पदक" जीता। मेरा पहला पुरस्कार "बुक संतुलन की दौड़" के लिए था। मैं सांस्कृतिक गतिविधियों भाग लिया और "भाषण,वाद-विवाद और भाषण" के लिए पुरस्कार जीता। मैं अपने हिंदी साहित्य के लिए प्रथम पुरस्कार जीता हैं। मैं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों विभिन्न विषयों के लिए रैंक के आधार "ओलंपियाड प्रमाण पत्र" मिला था। मैं "स्काउट और गाइड" का एक हिस्सा था और मैंने अपना "प्र्थम पुरस्कार" पूरा किया। मुझे बहुत सारे शौक एवं रुचि है जैसे विभिन्न उपन्यासों को पढ़ना,गाने सुनने और खाना पकाना। मुझे क्रिकेट खेलना बहुत पसन्द हैं। आम तौर पर एक बल्लेबाज। मुझे गाना गाना बहुत ही अच्छा लगता हैं। प्र्मुक गायकों जैसे श्रेया गोशाल,आशा जी,लता मंगेशकर,मोहम्मद रफी आदि। उनके गाने मधुर हैं । वे जीवन के लिए अर्थ बनते हैं। उपन्यासकारों में जेफरी आर्चर,प्रीति शिनॉय आदि। इन कहानियों हमें सही रास्ता देता है। वे कहानियाँ उत्तेजक लगता हैं। एक मीसाल देती हैं।
जीवन उतार-चढ़ाव से भरा हैं। यह एक उल्लेखनीय यात्रा हैं। जीवन हमें बहुत सारी बातें सिखाता है पर उसे पूरा करना हमारा काम हैं। सबसे बडी चीज यह हैं कि अगर किसी तुम्हें छोट् पहुँचाए हम उनसे बदला नही लेते क्योंकि अगर हम भी वही करे जो वो किए तो,हमें और उनमे कोई अंतर नही होता। मानो यही हमारा जिन्दगी हैं। एक आदमी को अपना रस्ता खुद तैयार करना पड्ता हैं।