सदस्य:Sohanbhargava/प्रयोगपृष्ठ

   श्वेत प्रदर या ल्यूकोरिआ लिकोरिआ (Leukorrhea) या "सफेद पानी आना" स्त्रिओं का एक रोग है जिसमें स्त्री-योनि से असामान्य मात्रा में सफेद रंग का गाढा और बदबूदार पानी निकलता है और जिसके कारण वे बहुत क्षीण तथा दुर्बल हो जाती है। महिलाओं में श्वेत प्रदर रोग आम बात है। ये गुप्तांगों से पानी जैसा बहने वाला स्त्राव होता है। यह खुद कोई रोग नहीं होता परंतु अन्य कई रोगों के कारण होता है। श्वेत प्रदर वास्तव गर्भाशयगत व्याधि का बनी रहना; लिकोरिआ से सामान्यतः प्रजनन अंगों में सूजन बनी रहना लक्षण है योनिक स्राव के क्या कारण होते हैं- कैंडिडिआसिस :कैंडीडा एल्बीकैंस नामक यीस्ट के कारण संक्रमण होता है. गंदे पैंटी पहनने से, संक्रमित व्यक्ति के साथ सेक्स करने से अत्यधिक उपवास,, रोगग्रस्त पुरुष के साथ सहवास, योनि को नहीं धोना व वैसे ही गन्दे बने पोषक तत्वों या गरीब खाने की आदतों की कमी रहना बार-बार गर्भपात कराना भी सफेद पानी का एक प्रमुख कारण है। महिलाओं को अक्सर योनि की समस्या का सामना रजोनिवृत्ति या अक्सर सेक्स की वजह से होता है. बचाव एवं चिकित्सा - सबसे पहले जरूरी है साफ-सफाई - योनि को धोने के लिये सर्वोत्तम नीम के जल से धोना है; जीवाणु नाशक औषधि है, सम्भोग के पश्चात अवश्य ही साबुन से सफाई करना चाहिए। एक या दो बच्चों के बाद अपना या अपने पति का नसबंदी आपरेशन कराना चाहिए। योनि को क्षेत्र को साफ और शुष्क रखना जरूरी है। । संकेत - योनि से सफेद, चिपचिपा गाढ़ा स्राव होना आज मध्य उम्र की महिलाओं की एक सामान्य समस्या हो गई है। यह 12 वर्ष से लेकर 50 वर्ष अलग-अलग सालों हो जाती है।(1) योनि मार्ग से सफेद, चिपचिपा गाढ़ा स्राव होना(2) खुजली(3) शरीर भारी रहना,(4) चिड़चिड़ापन होना(5) इस रोग में स्त्री के योनि मार्ग से सफेद, चिपचिपा, गाढ़ा, बदबूदार स्राव होता है। इसे वेजाइनल डिस्चार्ज(सफेद पानी) कहते हैं। इसके प्रभाव से हाथ-पैरों में दर्द, कमर में दर्द, पिंडलियों कमजोरी आम बात है। ऐसी हालत में स्त्री को कमर-पेट-पेडू व जांघो का दर्द होने लगता है आँखो के सामने अंधेरा आना चक्कर आना कमजोरी बनी रहना आम बात है। यदि स्राव पीला, हरा, नीला हो, खुजली पैदा करने वाला हो इससे शरीर कमजोर होता है और कमजोरी से श्वेत प्रदर बढ़ता है।. जब पेशाब करते है तब असुविधा या जलन होती है, संभोग के साथ दर्द/जलन होती है बचाव- (1) मैथुन के पश्चात अवश्य ही साबुन से सफाई करना(2) बार-बार गर्भपात कराना भी सफेद पानी का एक प्रमुख कारण है।(3) इसके बारे में अपने पति एवं डाक्टर को बाताना चाहिये। इस रोग के कारणों की जांच स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर से करा लेना चाहिए रक्त की शर्करा को नियंत्रण में रखाना चाहिए। सामान्य चिकित्सा- प्रमुख औषधियां अशोकरिष्ट, अशोक घनबटी, हेमपुष्पा, फेमिफ्लेक्स योनि के लिये बी टा डीन(Vaginal) अत्यंत प्रभावकारी औषधि है। महिलाओं में योनि से सफ़ेद पानी या पीला पानी हर समय या कभी कभी निकलना तथा असामान्य रूप से खून बहना आदि समस्याओं में यह चमत्कारिक रूप में आपकी मदद करता है योनिक स्राव क्या होता है - ग्रीवा से श्लेष्मा बहाव योनिक स्राव कहलाता है यह सफेद रंग का चिपचिपा पदार्थ होता है. मात्रा बहुत अधिक जान पड़े तो हो सकता है कि रोग हो। परिस्थितियों में जब इसका रंग बदल जाता है तथा इससे बुरी गंध आने लगती है योनि में या कहीं तीव्र संक्रमण है. गंदी बदबू से युक्त हो 78% कामुकता इच्छा संभोग के साथ दर्द/जलन के क्या कारण समाप्त हो जाती है ऐसी महिलाओं की तो तुरंत चिकित्सक के पास जाना चाहिये. सावधानियाँ –(1) आप योनि क्षेत्र को साफ और सूखी रखें(2) सूती अंडरवियर और ढीली पैंट पहनें.(3) सुनिश्चित करें कि आपकी योनि में अच्छी तरह से सेक्स के दौरान lubricated किया गया है. अपने भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियों और सलाद के बहुत सारे शामिल है. दैनिक पानी का कम से कम 10-15 गिलास मसालेदार भोजन, अचार, मैदा, और उसके उत्पादों से बचें तनाव से बचें मिर्च का उपुओग कम रखाना चाहिए। जब ईलाज करबाए तब अपने पति को भी कुछ दवा जरूर खिलबाये ताकि कोई भी कमी न रहे और गोली और परहेज का याद रखे ताजा सब्जियों बहुत फायदेमंद होते हैं और जैतून का तेल, उपयोग के रूप में सेवन किया जा सकता डॉ॰ सोहन भार्गव लटेरी जिला विदिशा मध्य प्रदेश मोब 9893483990,9424406727 ( डॉ॰ सेमिनार इंदौर मेंवर्ष 2014) स्त्री रोग सब्जेक्ट पर (भाषण) पुरुस्कार से सम्मानित