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बुलिमिया नर्वोसा

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बुलिमिया नर्वोसा, या फिर खाली बुलिमिया के नाम से भी जाना जाता हैं। यह एक खाने का विकार हैं, जिस में बिंज ईटिंग और उसके बाद परजिंग होता हैं। बिंज ईटिंग मतलब कम समय में और ज़्यादा मात्रा में खाने का सेवन करना। परजिंग मतलब खाए हुए खाने को बाहर निकालने की कोशिश करना। यह उल्टी करकर या फिर दवाईयाँ लेकर किया जा सकता हैं। वज़न कम करने के दूसरे तरीकों में मूत्रवर्धक, उत्तेजक, पानी उपवास, या अत्यधिक व्यायाम का उपयोग किया जाता हैं। अधिकतर लोग जिनको बुलिमिया की शिकायत हैं, उनका वज़न सामान्य रहता हैं। जानबूझकर उल्टी करने पर शरीर की चमडी तक खो सकती हैं और दांत कमज़ोर हो सकती हैं। बुलिमिया को ज़्यादातर दिमागी बिमारियों से जोडा जाता हैं जिस में गुम्रपान व अवैध दवाओं का सेवन भी शामिल हैं। इसमें आत्महत्या और खुद को हानी पहुँचाने का खतरा होता हैं।

कारण और लक्षण

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बुलिमिया उनमें ज़्यादा सामान्य हैं जिनके करीबी रिश्तेदार को बुलिमिया की शिकायत हो। आनुवंशिकी बुलिमिया का खतरा लगभग ३०% से ८०% तक अनुमानित हैं। बुलिमिया के दूसरे खतरों में मानसिक तनाव, एक बेहतर शरीर पाने की चाह, और मोटापा भी शामिल हैं। उस सांस्कृतिक वातावरण में रेहना, जहाँ लोग खान-पान के प्रति अति सावधान हैं और जिनको शरीर के वज़न का ज़रूरत से ज़्यादा ध्यान हो, उनमें भी बुलिमिया का खतरा हो सकता हैं। इसकी जांच इनसान के पूर्व चिकित्स्कियाँ इतिहास से होती हैं, मगर, यह बहुत कठिन हैं, क्योंकी लोग अपने बिंज ईटिंग और परजिंग आदतों को बताना पसंद नहीं करते।एनोरेक्सिया नर्वोसा की जांच कि प्रधानता बुलिमिया से ज़्यादा हैं। दूसरी बिमारियाँ जिन में बिंज ईटिंग होती हैं, वह हैं: क्लेन-लेविन सिंड्रोम, और सीमा रेखा व्यक्तित्व विकार।

बुलिमिया का मुख्य इलाज संज्ञानात्मक व्यवहारवादी रोगोपचार हैं। चुनिंदा विरोधि अवसाद जैसे सेरोटोनिन रीपटेक इन्हिबिटर या ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रसंट की उपयोग भी लाभदायक हो सकती हैं। आमतौर पर जिनको बुलिमिया हो, उनकी परिस्थिती एक एनोरेक्सिया से पीडित से अच्छी होती हैं, मगर, उनका मृत्यू दूर सामान्य जनसंख्या से ज़्यादा होता हैं। आमतौर पर १० साल की इलाज प्राप्ति के पस्छात लगभग ५०% लोग को आरोग्य प्राप्ति हो जाती हैं।

जनसंख्या पर प्रभाव

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विश्व स्तर पर, २०१५ में बुलिमिया ने लगभग ३६ लाख लोगों को प्रभावित किया था। १% जवान महिलाओं को अभि बुलिमिया कि शिकायत हैं, और लगभग २%-३% महिलाएँ कभी ना कभी बुलिमिया से प्रभावित होती हैं। यह परिस्थिति विकासशील दुनिया कम सामान्य हैं। महिलाओं में बुलिमिया होने कि संभावना पुरुषों से ९ गुणा ज़्यादा हैं। ब्रिटिश मनोचिकित्सक गेराल्ड रसेल ने बुलिमिया को नाम और उसका सबसे पेहले वर्णन किया। बुलिमिया से पीडित लोग को दूसरे विकार होने का संभावना ज़्यादा होती हैं। कुछ एनोरेक्सिया नर्वोसा के पीडित उल्टी कर-कर प्रदर्शित करते हैं था कि वे जल्द से ज्ल्द खाने को अपने शरीर से बाहर फेक सके। बार-बार उल्टी करने पर दांतों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।