उर्वी मलानी

उर्वी मलानी
जन्म १४ दिसम्बर १९९७
कोलकाता,भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
शिक्षा क्राइस्ट विश्वविद्यालय, बंगलौर
धर्म हिन्दू

मेरा परिवार

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मेरा नाम उर्वी मलानी है । मैं कोलकाता शहर से हूँ । मेरे परिवार मे छे सदस्य है । मेरे दादा जी , दादी जी , पिता , माँ और मेरी प्यारि बडी बहन । मेरे पिता जी मेटल मार्केट मे काम करते है । उन्होने यह कार्य बहुत कम उर्म मे चालु कीया था । मेरी माँ एक मंदिर मे बच्चो को हमारे जैन धर्म के बारे मे पढाती है । मेरी बहन मुझसे तीन साल बडी है । उसने अपनी बी.बी.ए की पढाई पूरी कर ली है और अब वह सी ए की पढाई कर रही है । मेरे दादा और दादी बहुत धार्मिक है ।वे सुबह चार बजे उठते है और माहावीर भगवान की पूजा करते है । फिर वे अपना आधा दिन मंदिर मे गुजारते है । हमारी सांस्क्रतिक जैनिजम है और हम घर पर गुजराती मे बात करते है । हमारा खानदान राजकोट , गुजरात से है । हम स्थानकवासी कहलाते है ।

मेरी शिक्षा

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मै पहले लक्षमिपत सिंघानिया अकादमी मे पढति थी । मै वाहा कक्षा चार से पढ रहि हू । वाहा हमे अपने आने वालि जिन्द्गी के बारे मे अच्छे से सिखाया जाता है । वाहा हमे पढाई के अलावा निृत्य , संगीत , चित्रकला , योगा , कराटे भी सिखाया जाता है । वे हमे हर चीज के लिये प्रेर्णा देते है । पाठशाला मे हमे अपने लक्षञ के बारे मे बताते है , हमारे गुरु हमे सहीमार्ग दिखाते है और आगे के लिये सहि सलाह देते है । वाहा से जब मै क्राइस्ट आइ तब मैने अपने सारे दोस्तो को बहुत याद किया । मै अभी अपनी आगे की पढाई पूरी करने के लिये बेंगलोर आई हूँ।

मेरा सपना और मेरा लक्ष्य

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क्राइस्ट युनिवरसिटि मै पढना मेरा सपना था । मै अभी क्राइस्ट मे बी ए पढ रही हूँ । मेरे विषय मनोविग्यान ,समाजशास्त्र और अंगरेजी है । मै बडी होकर एक मनोविञानी बन्ना चाहती हूँ । मुझे यह पसंद है क्योकि मुझे लोगो को जानना , उनकी तकलिफ सुलझाना अच्छा लगता है । मै लोगो को खुश देख्नना चाह्ती हूँ । आज कल हर एक घर मे कई लोग अवसाद का शिकार बन रहे है । इस कारण से वे इतना घबरा जाते है कि वे अपनी जान ले लेते है । मुझे यह सब कम करने केर लिये दुनिया कि मद्द करनी है। मेरे जीवन का उद्देश्य है कि मै एक अच्छि इनसान बनु , लोगो की मद्द करु और इस संसार को कुछ दे पाऊ । संसार मे हर प्राणी अपने लक्षञ की ओर बढ रहा है । सूर्य , चंद्र , सितारे सब अपने लक्षञ की ओर बढते है ।

मेरी रुचियाँ

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मुझे पह्ले एक फेशन ङिज़ाइनर बनना था । जब मै छोटी थी नब मेरी माँ ने मुझे चित्रकारी की क्लासे करवाइ थी , जिस्से मेर उसमे मन लग गया था । पाठशाला के चेत्रकार अध्यापक भि मुझसे बहुत खुश थे । मुझे कलाकारी के अलावा शास्त्रिय संगीयत का भि शौक है । मै पिछले सात वर्षो से शास्त्रिय संगीत सीख रही हू । हमे इसमे कइ रागो के बारे मे जानकारी दी जाती है । हम इन्हि राग के गाने भी सीखते है । मुझे नृत्य करना भी अच्छा लगता है । मुझे किताबो से भी बहुत लगाव है । किताबे पढने कि आद्त मैने अपनी बहन से सिखी । हमे किताबो से कई जानकारी प्राप्त हो सकति है ।

मैं एक साहसी व्यक्ति हूँ

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मेरा यह सपना था कि मैं अपने जिंदगी मे यह पूरी दुनिया को देखु । मुझे नये लोगो से मेलना , उनके बारे मे जान्ना , बहुत पसंद है । मै हर एक शहर के लोगो के बारे मे , उनके संस्कति के बारे मे , वे क्या करते हे , वे क्या खाते है । मै यह चीजो को जनना चाहती हु । मुझे साहसी चीजे भि करना बहुत पसंद है । मै दो साल पहले जब साउत अफरीका गई थी तब वाहा मैने दो चीजे की थी , मैने पहले बनजि जुम्पिंग की । वो एक कला है जाहा ह्मे एक रस्सि से बान्धा जाता है और एक ब्रिज से हम कुदत्ते है । वह कम से कम ७५० फुत की ऊचाई पर होगा । फिर मैने स्काइ दाइविंग भि किया । यह अनुभव मुझे अपने जिन्द्गी भर याद रहेगा ।